उच्च अधिकारी पर हमले की सजा कड़ी होनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट ने बीएसएफ के सिपाही की बर्खास्तगी को सही ठहराया [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
6 April 2018 7:17 PM IST
![उच्च अधिकारी पर हमले की सजा कड़ी होनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट ने बीएसएफ के सिपाही की बर्खास्तगी को सही ठहराया [आर्डर पढ़े] उच्च अधिकारी पर हमले की सजा कड़ी होनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट ने बीएसएफ के सिपाही की बर्खास्तगी को सही ठहराया [आर्डर पढ़े]](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2018/01/Police-Reforms-Karnataka-High-Court-min.jpg)
अपने उच्च अधिकारी पर हमले के आरोप में बीएसएफ के सिपाही को सेवा से हटाने को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि अपने उच्च अधिकारी पर हमला करने वाले को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें इस सिपाही की सेवा से बर्खास्तगी की सजा को कम करते हुए उसकी तीन बढ़ोतरी को रोकते हुए उसको सेवा में बहाल करने का आदेश दिया गया था।
इस सिपाही के खिलाफ आरोप यह था कि उसने अपने उच्च अधिकारी पर राइफल के बट्ट से हमला किया था। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने गवाहियों के बयान में इस विरोधाभास पर गौर किया था कि वास्तव में किसने पहले लड़ाई शुरू की थी। हाई कोर्ट द्वारा सिपाही की सजा को कम करने के खिलाफ भारत संघ ने सुप्रीम कोर्ट में पील की।
पीठ ने कहा, “यह देखते हुए कि प्रतिवादी एक अनुशासित बल में काम करता है और उसने जिस तरह के गंभीर चोट पहुंचाए हैं, हमारा मानना है कि सजा कम करके हाई कोर्ट ने कुछ ज्यादा ही उदारता दिखाई है...”
पीठ ने एएसजी की इस दलील को होम्बे गौड़ा एजुकेशन ट्रस्ट एंड अदर्स वर्सेज कर्नाटक स्टेट के फैसले के आलोक में सही माना। इस मामले में एक उच्च अधिकारी को चप्पल से मारा गया था। उस मामले में कोर्ट ने कहा था कि उच्च अधिकारी पर हमले के लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
पीठ ने कहा कि उक्त घटना एक स्कूल में घटी न कि एक अनुशासित बल में।
कोर्ट ने इस सिपाही को उसके विभाग द्वारा सेवा से हटाने की सजा को सही माना।