कावेरी जल विवाद पर CJI ने तमिलनाडु की जनता को दिया संदेश: “ शांति बनाए रखें, कावेरी मुद्दे का ध्यान रखेंगे”
LiveLaw News Network
4 April 2018 4:57 PM IST
कावेरी जल विवाद को लेकर देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने तमिलनाडु के लोगों को इस मुद्दे पर शांति बनाए रखने के लिए कहा है।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश ने तमिलनाडु सरकार के वकील जी उमापति से कहा, "कृपया हमारा संदेश जनता को दें - तमिलनाडु के लोगों को शांति बनाए रखने के लिए कहें। हम कावेरी मुद्दे का ध्यान रखेंगे।”
दरअसल वकील किसी अन्य मामले की जल्द सुनवाई की मांग कर रहे थे। कावेरी मुद्दे में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को देखकर सीजीआई ने उनसे पूछा, "क्या आप कावेरी पर कुछ उल्लेख कर रहे हैं!" वकील ने कहा कि यह एक अलग मामला है और कावेरी नहीं है तो फिर सीजीआई ने कावेरी पर
तमिलनाडु में विरोध, बंद पर मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए सरकार को संदेश देने के लिए वकील से कहा। उन्होंने ये भी कहा कि उनके साथी जज भी इससे सहमत हैं।
कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड की स्थापना नहीं करने पर केंद्र सरकार के खिलाफ अन्नाद्रमुक ने भूख हड़ताल की। डीएमके ने राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि कावेरी जल विवाद मामले में जल्द सुनवाई की मांग को लेकर अब केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से वकील वसीम कादरी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के समक्ष कहा कि इस संबंध में स्पष्टीकरण के लिए याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट मामले की जल्द सुनवाई करे। इसी दौरान तमिलनाडु की ओर से पेश जी उमापति ने इसका विरोध किया और कहा कि केंद्र ने अदालत के आदेश की अवमानना की है और कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन नहीं किया। अब वो इसके लिए वक्त मांग रहे हैं। हालांकि चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को तय की गई है। उसी दिन सारे मुद्दों पर सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि कावेरी जल विवाद मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया था जिसमें कावेरी प्रंबंधन बोर्ड का गठन ना करने पर केंद्र सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 9 अप्रैल को तय की है।
सोमवार को तमिलनाडु की ओर से वकील जी उमापति ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी तो CJI ने कहा, “ हम तमिलनाडु की परेशानी समझते हैं। हम देखेंगे कि तमिलनाडु को उसके हिस्से का पानी मिले। फैसले में सिर्फ प्रबंधन बोर्ड की बात नहीं थी बल्कि पूरी योजना दी गई है।”