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सीलिंग आदेश वापस लेने के बाद दिल्ली के श्मशान भूमि की सीलिंग हटाने का आदेश दिया कोर्ट ने [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network
27 March 2018 10:52 AM GMT
सीलिंग आदेश वापस लेने के बाद दिल्ली के श्मशान भूमि की सीलिंग हटाने का आदेश दिया कोर्ट ने [आर्डर पढ़े]
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दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पश्चिम दिल्ली के एक श्मशान भूमि की सीलिंग को हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट को यह बताया गया कि यह श्मशान भूमि का मालिकाना हक़ स्थानीय निवासियों के पास है और यह श्मशान भूमि 10 लाख लोगों के काम आता है क्योंकि इस क्षेत्र में और कोई श्मशान भूमि नहीं है।

वरिष्ठ सिविल जज वंदना रोहिणी ने पूर्व में दी अपने आदेश को निरस्त करते हुए सेक्टर 26 स्थित श्मशान भूमि के मुख्य द्वार को खोलने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने पुलिस को उस परिसंपत्ति का सीलिंग हटाने का आदेश दिया जिसको शाहाबाद दौलतपुर आरडब्ल्यूए के आवेदन पर सील किया था।

कोर्ट ने द्वारकाधीश रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए इस श्मशान भूमि को सील किया था। एसोसिएशन ने दावा किया था कि यह जमीन डीडीए की है और इस जमीन का श्मशान के रूप में प्रयोग करने से यहाँ के निवासियों को मुश्किलें पेश आती हैं।

कोर्ट ने बाद में कहा कि द्वारकाधीश रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के कहने के विपरीत श्मशान भूमि के पास कोई रहता नहीं है।

सीलिंग के बाद द्वारकाधीश रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने एक आवेदन देकर कहा कि श्मशान की भूमि उसकी है।

शाहाबाद दौलतपुर आरडब्ल्यूए के वकील ने कोर्ट से कहा कि वह 30 जनवरी  और 5 मार्च के अपने आदेश को वापस ले ले क्योंकि सीलिंग का आदेश फर्जीवाड़े से प्राप्त किया गया था।

राणा ने कहा कि यह भूमि डीडीए की नहीं है और इस पर कब्जा अभी भी शाहाबाद दौलतपुर आरडब्ल्यूए के स्थानीय निवासियों का ही कब्जा है। उन्होंने कोर्ट के समक्ष लेआउट प्लान भी पेश किया जिसमें यह साफ़ दिखाया गया है कि उसमें एक श्मशान भूमि है और उसके दोनों और ग्रीन बेल्ट है।

जब द्वारकाधीश रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन से पूछा गया तो उसके वकील ने कहा कि अभी वहाँ घर बन ही रहे हैं।

जज ने भी गौर किया कि डीडीए ने भी पिछली सुनवाई में कहा था कि यह विवादित भूमि  उसके कब्जे में नहीं है। राणा ने कहा कि अगर बाद में डीडीए इस भूमि को कब्जे में लेना चाहता है तो उसको कोई आपत्ति नहीं होगी।

जज ने कहा, “बदली हुई परिस्थिति में और नए सबूतों के आलोक में मुझे लगता है कि 30 जनवरी 2018 और 5 मार्च 2018 को दिए गए आदेश को वापस लेना उचित होगा।”

जज वन्दना ने कहा, “संबंधित एसचओ को आदेश दिया जाता है कि रोहिणी, दिल्ली के पॉकेट A और B, सेक्टर 26 के मुख्य द्वार से सीलिंग हटा दे”।


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