INX मीडिया मामला : SC ने कार्ति को ED मामले में अंतरिम सरंक्षण के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की इजाजत दी

LiveLaw News Network

8 March 2018 3:32 PM GMT

  • INX मीडिया मामला : SC ने कार्ति को ED मामले में अंतरिम सरंक्षण के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की इजाजत दी

    INX मीडिया मामले में  ED के कड़े विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट में अंतरिम सरंक्षण की अर्जी दाखिल करने की इजाजत दे दी।

     भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि शुक्रवार को ही इस अर्जी पर विचार करे। इसके बाद  कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली।कार्ति की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई।

    गुरुवार को सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई इसी मामले में उनकी गिरफ्तारी कर चुकी है अब ईडी इस केस में शुक्रवार को सीबीआई हिरासत खत्म होते ही दोबारा गिरफ्तार करना चाहती है। ये सब सीबीआई जांच का विषय है और ईडी केस में कोई FIR तक दर्ज नहीं है।ये बदले की कार्रवाई है।

    वहीं सुनवाई के दौरान ED की ओर से ASG तुषार मेहता ने कहा इस संबंध में है ईसीआईआर (आर्थिक मामले की जानकारी रिपोर्ट) का पंजीकरण एक संज्ञेय अपराध पर आधारित है और ईडी के पास इसके तहत रोकथाम, खोज, जब्त करने और मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम की रोकथाम के तहत संपत्तियों के जब्त करने की शक्ति है। ये राजनीतिक बदला नहीं है, एजेंसी के पास पुख्ता सबूत हैं। सुप्रीम कोर्ट को इसमें कोई आदेश जारी नहीं करना चाहिए। ये कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। ये हाईकोर्ट का मामला है।अगर सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामले में अंतरिम राहत के आदेश जारी करेगा तो ये गलत उदाहरण होगा। फिर दूसरे आरोपी भी अन्य अपराधों में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट आएंगे।  इस पर सिब्बल ने कहा कि वो हाईकोर्ट जाने को तैयार हैं।

    दो दिन पहले भी I NX मीडिया मामले मेंपूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम कोसुप्रीम कोर्ट से कोई अंतरिम राहत नहीं मिल पाई थी।

    पीठ ने PMLA मामले में ED द्वारा गिरफ्तारी से सरंक्षण की मांग नहीं मानी थी। पीठ ने कहा कि इससे लंबित केस में असर पड़ सकता है।हालांकि कोर्ट ने ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

    मंगलवार को सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा था कि ED के इस मामले में कोर्ट कार्ति को अंतरिम सरंक्षण देना चाहिए। कार्ति पहले ही जांच में सहयोग कर रहे हैं और वो जांच में शामिल भी हो चुके हैं। सिब्बल ने कहा कि इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं है और उसके बिना गिरफ्तारी नहीं हो सकती।

    पिता के बैंक में रकम ट्रांसफर करने के आरोप पर सिब्बल ने कहा था कि ये आरोप गलत हैं। पिता ने बेटे को लोन दिया था और उसी को अब मनी लांडरिंग का नाम दिया जा रहा है। कार्ति ने सिर्फ इस लोन को चुकाया था। उनके पास इस बारे में सारे बैंक ट्रांजेक्शन व रिकार्ड मौजूद हैं। ऐसे में कोर्ट के अंतरिम सरंक्षण देने में कोई हर्ज नहीं है।

    पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने एफआईपीबी अनुमोदन के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके खिलाफ शुरू की गई सभी आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए एक नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी।

    2006 और 2007 में एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया मामले में पूछताछ करने  के लिए ईडी द्वारा जारी समन कोभी चुनौती दी है।

    याचिका में  कार्ति ने कहा कि ईडी की कार्रवाई  को भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 के तहत देखा जाना चाहिए।"

    कार्ति को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। ईडी के अधिकार पर सवाल करते हुए, कार्ति ने कहा है कि सीबीआई पहले ही 15 मई, 2017 को पंजीकृत मामले की जांच कर रही है और ईडी के पास इस मामले के लिए उन्हें बुलाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी का मकसद उन्हें परेशान करना है और पूरे परिवार का अपमान करना है।

    Next Story