Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

सोशल मीडिया पर बेलगाम प्रसारित हो रहे पोस्ट से हम चिंतित हैं : दिल्ली हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network
22 Feb 2018 3:21 PM GMT
सोशल मीडिया पर बेलगाम प्रसारित हो रहे पोस्ट से हम चिंतित हैं : दिल्ली हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]
x

दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में गुस्से में कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट्स जिस तरह बिना किसी उत्तरदायित्व बोध और इसके स्रोत की सत्यता की जांच किए बिना फैलाए जा रहे हैं उससे वह चिंतित है।

कोर्ट 23 ऐसे छात्रों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही जिन्होंने आरोप लगाया कि उनको दिखाया गया कि वे लोग इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (आईसीएआई) का ग्रुप I/II फाइनल परीक्षा पास कर ली है। पर जब इस परीक्षा का परिणाम इस संस्था के वेबसाइट पर अपलोड किया गया तो उनका नाम सफल छात्रों की सूची में नहीं था और वे वास्तव में फेल हो गए थे।

इन छात्रों ने इसके बाद कोर्ट की शरण ली और आरोप लगाया कि परीक्षा परिणाम को बदला गया जिसकी वजह से यह भ्रम पैदा हुआ। छात्रों ने एक प्रेस विज्ञप्ति पर भी भरोसा किया है जिसमें आईसीएआई ने कथित रूप से यह स्वीकार किया कि सूची में कुछ गड़बड़ी हुई जिसकी वजह से आतंरिक रूप से जो परीक्षा परिणाम भेजा गया वह उनके वेबसाइट पर अपलोड किए गए परिणाम से अलग था।

हालांकि ईमेल का स्क्रीनशॉट लेने के दौरान याचिकाकर्ता इस बारे में आश्वस्त नहीं थे कि यह ईमेल सही है या नहीं क्योंकि इसे फेसबुक पर डाला गया था।

प्रतिवादी ने याचिकाकर्ताओं द्वारा इस तरह के पोस्ट्स पर भरोसा करने को चुनौती दी है और इस बात से इनकार किया है कि परीक्षा के परिणाम में कोई तबदीली की गई।

दोनों पक्षों द्वारा उठाए गए मुद्दों और उनकी दलील को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रेखा पल्ली प्रतिवादियों की बात से सहमत थीं और उन्होंने कहा, “यह दिलचस्प है कि याचिकाकर्ता का पूरा मामला उक्त सूचना पर आधारित है जिसमें उनको परीक्षा में सफल बताया गया है, पर इन लोगों ने याचिका में ही बताया है कि वे इस ईमेल या इसके बारे में फेसबुक या व्हाट्सऐप पर प्रसारित किए जा रहे संदेश की विश्वसनीयता को लेकर खुद ही आश्वस्त नहीं हैं...

... यह नोट करना जरूरी है कि इन संदेशों को जिस तरह से प्रकाशित किया गया है उसे याचिकाकर्ता के वकील भी बताने में असफल रहे हैं; वे केवल इतना भर बता पाए हैं कि कि यह संदेश फेसबुक और व्हाट्सऐप पर भी प्रसारित हुआ...यह देखते हुए कि संस्थान ने स्पष्ट कहा है कि सिर्फ एक ही रिजल्ट प्रकाशित किया गया और वह भी संस्थान के तीन वेबसाइटों पर, यह स्पष्ट है कि संस्थान द्वारा प्रकाशित परिणाम में कोई बदलाव नहीं किया गया”।

न्यायमूर्ति पल्ली ने कहा कि वह इस बात से काफी दुखी हैं कि सोशल मीडिया पर पोस्ट्स बेलगाम प्रसारित किए जा रहे हैं।


 
Next Story