विकलांगता अधिनियम 2016 के उचित कार्यान्वयन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन महीने का समय दिया
LiveLaw News Network
28 Jan 2018 10:17 PM IST
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अब्दुल नज़ीर की पीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विकलांगता अधिनियम 2016 को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। इस संशोधित अधिनियम में दिव्यांगों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं।
पीठ ने उन्हें तीन महीने में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा था, पर याचिकाकर्ता एनजीओ जस्टिस सुनंदा भंडारे फाउंडेशन के वकील मनाली सिंघल के यह कहने पर कि कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने 1995 के अधिनियम को लागू किया है पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश संशोधित अधिनियम को लागू करने को कहती है, कोर्ट ने उक्त आदेश पास किया।
फाउंडेशन ने एक याचिका दायर कर कहा था कि जब तक कोई प्रभावी निगरानी व्यवस्था नहीं बनाई जाती है, विकलांगता अधिनियम 1995 का कार्यान्वयन कागजी ही बना रहेगा।
पिछले वर्ष 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को विकलांगता संशोधन अधिनियम को मानने को कहा था जिसमें दिव्यांगों के अधिकारों की बात की गई है।
कोर्ट ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह अवश्य ही समझना चाहिए कि नए अधिनियम के तहत उनकी जवाबदेही बढ़ गई है और लागू करने वाले अथॉरिटीज को इसे त्वरित गति से अमली जामा पहनाना चाहिए।