दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से दिव्यांग आश्रितों वाले सैनिकों की पोस्टिंग के बारे में नीति बनाने को कहा [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network

22 Jan 2018 1:19 PM GMT

  • दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से दिव्यांग आश्रितों वाले सैनिकों की पोस्टिंग के बारे में नीति बनाने को कहा [आर्डर पढ़े]

    दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि दिव्यांग आश्रितों वाले सैनिकों की पोस्टिंग के बारे में वह नीति बनाए।

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और जेआर मिधा की पीठ ने यह आदेश दिया। इस बारे में याचिका आरके पांडेय, सैयद शाहिद वाहिद और जितेन्द्र सिंह ने दायर की है।

    अभी हाल में हुई एक सुनवाई में कोर्ट ने 7 सितम्बर 2017 को जारी एक कार्यालय मेमोरेंडम पर गौर किया जिसमें “केंद्रीय सैन्य पुलिस बल के दिव्यांग सैनिकों (सीएपीएफ) के पुनर्वास/सीएपीएफ के दिव्यांग आश्रितों” के पुनर्वास के बारे में केंद्र ने नीतिगत दिशानिर्देश को अधिसूचित किया गया था।

    कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटीज को दिव्यांग आश्रितों वाले सैन्य बालों की पोस्टिंग के बारे में नीति निर्धारित करनी चाहिए जिनपर अपने इन आश्रितों के देखभाल की जिम्मेदारी है।

    कोर्ट ने कहा कि नीति इस चिंता को दूर नहीं करता है। कोर्ट ने कहा, “...प्रतिवादियों ने दिव्यांग हुए सैनिकों के पुनर्वास के बारे में नीति बनाई है।”

    प्रतिवादियों के वकील ने मांग की कि इस मामले की दुबारा जांच करने के लिए इसे स्थगित किया जाए। कोर्ट ने ज्यादा समय देते हुए उन्हें यह काम छह सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जो दिशानिर्देश तय किये जाएंगे वे सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, औद्योगिक सुरक्षा बल जैसे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर भी लागू होंगे।

    इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 मार्च को होनी है।


     
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