पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की नियुक्ति रद्द की [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
18 Jan 2018 9:35 PM IST
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बुधवार को पंजाब के मुख्मंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के मुख्य प्रधान सचिव (सीपीएस) सुरेश कुमार की नियुक्ति को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह नियुक्ति पूरी तरह अवैध और संवैधानिक नियमों का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति रंजन गुप्ता ने एडवोकेट रमनदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सीपीएस से उम्मीद थी कि वह मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में उनके प्रधान सचिव में निहित अधिकारों का प्रयोग करेगा। उन्होंने कहा कि यह असंवैधानिक है क्योंकि ये सार्वभौमिक कार्य हैं जो किसी और को नहीं दिया जा सकता।
सिंह ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यालय में कई कैडर वाले अधिकारी पदस्थापित हैं जिनको इस तरह का ऑफर दिया जा सकता है न कि किसी बाहर वाले को। फिर, उन्होंने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि उनकी नियुक्ति की स्थिति को अधिसूचित किया गया था पर मंत्रिपरिषद ने उसको स्वीकृत नहीं किया था।
कोर्ट ने शुरू में ही इस बात पर गौर किया कि सीपीएस को राज्य के सार्वभौमिक कार्य को अंजाम देने का अधिकार होगा और इसलिए वह सरकारी पद पर होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि कुमार की नियुक्ति बहुत ही जल्दबाजी में की गई।
कोर्ट ने कहा, “यद्यपि राज्य को किसी ऐसे व्यक्ति को चुनने का अधिकार है जिसमें उनको विश्वास है और जिसके बारे में उसको लगता है कि वह महत्त्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियों को निभा सकता है। हालांकि इस तरह का चुनाव संविधान के दायरे के अंदर रहते किया जाना चाहिए क्योंकि सरकार के कार्य से लोगों के हित जुड़े हुए हैं क्योंकि यह उनके दैनिक जीवन को प्रभावित करता है।”
कोर्ट ने इसके बाद कहा कि यह नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 166(3) का उल्लंघन करता है और राज्य के राज्यपाल द्वारा बनाए गए रूल्स ऑफ़ बिज़नस ऑफ़ गवर्नमेंट ऑफ़ पंजाब, 1992 की अवहेलना करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सीएसपी के पद को सृजित करने के समय वित्त विभाग से सलाह नहीं किया गया जो कि 1992 के नियमों में नियम 7 का उल्लंघन करता है।