अमीर खुसरो पार्क के रख रखाव और उसमें अतिक्रमण रोकने के लिए दिल्ली वक्फ़ बोर्ड ने दिल्ली हाई कोर्ट में पॉलिसी ड्राफ्ट पेश किया
LiveLaw News Network
17 Jan 2018 4:57 PM IST
दिल्ली का अमीर खुसरो पार्क, जो कि तिकोना कब्रगाह के नाम से भी प्रसिद्ध है, के रखरखाव और उसमें अतिक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली वक्फ़ बोर्ड ने दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को एक नीतिगत खाका पेश किया। एक “मॉडल हरित कब्रगाह” के रूप में इसका प्रबंधन किया जाना है।
वक्फ़ बोर्ड ने कहा है कि इस ड्राफ्ट नीति को एक प्रबंध समिति द्वारा लागू करने की जरूरत है ताकि यहाँ दफ़न को विनियमित किया जा सके। ड्राफ्ट में स्थाई कब्र का भी विरोध किया गया है।
इस ड्राफ्ट नीति में इस जगह की सुरक्षा, इसमें होने वाले दफ़न, इसके वित्तीय पक्ष आदि के प्रबंधन का जिक्र किया गया है। बोर्ड का कहना है कि कब्रगाह की जमीन को अतिक्रमण से बचाने की जरूरत है और यह भी जरूरी है कि इसको सुंदर बनाए रखा जाए।
इस नीति के प्रारूप को तैयार करते हुए बोर्ड ने दफ़न करने के धार्मिक परिपाटी में किसी भी तरह की दखलअंदाजी नहीं करने का प्रयास किया है।
यह ध्यान देने वाली बात है कि अभी तक दिल्ली में कब्रगाहों के प्रबंधन के बारे में किसी भी तरह का कोई स्थापित नियम नहीं है। वक्फ़ बोर्ड का कहना है कि कब्र का दुबारा प्रयोग करने के बारे में लोगों में हिचक है और स्थाई कब्र के कारण इस कब्रगाह में आगे और दफ़न के लिए कोई जगह ही नहीं बचती है।
ड्राफ्ट नीति के अनुसार, चहारदीवारी के अंदर उपलब्ध कुल क्षेत्र के 10 फीसदी से ज्यादा क्षेत्र पर संरचना नहीं हो सकती। इस 10 फीसदी में वर्तमान दरगाह और मस्जिद आ जाते हैं।
दफनाने की जगह स्पष्ट रूप से सीमांकित होगी और यह बाउंड्री के अंदर कुल उपलब्ध जमीन के 60% से अधिक क्षेत्र में नहीं हो सकती।
अब स्थाई कब्र की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ड्राफ्ट नीति के अनुसार, आवंटी/कानूनी वारिस चाहे तो आगे और दफ़न के लिए कब्र का पुनः इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, अगर दुबारा उपयोग की अवधि आवंटन की अवधि से आगे है तो आवंटन की मौजूदा दर के अनुरूप दुबारा आवंटन शुल्क लिया जाएगा।