स्कूलों की खिड़कियों में शीशे नहीं, शौचालय एक किलोमीटर दूर; हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर रजिस्टर किया पीआइएल [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
16 Jan 2018 12:12 PM GMT
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अखबार में शिमला कुपवी स्थित एक स्कूल की स्थिति के बारे में छपी खबर पर खुद संज्ञान लिया है।
अमर उजाला में एक खबर छपी थी कि सरकारी मध्य विद्यालय जुरु-शिलाल, कुपवी, शिमला के एक परिसर में स्थित है। इसमें न तो खुली खिड़की है और न ही इनमें पल्ला लगा है। ये खिड़कियाँ जूट की बोड़ियों से ढके हैं। बच्चों को शौचालय की सुविधा एक किलोमीटर दूर उपलब्ध है। इस स्कूल में 20 लड़कियों सहित कुल 34 बच्चे पढ़ते हैं।
न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने इसे जनहित याचिका के रूप में पेश करने को कहा है।
इस रिपोर्ट में दिए गए विवरणों पर क्षोभ जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोएल ने कहा कि “स्कूलों की यह हालत 21वीं सदी में है और ऐसा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के 2009 में पास होने के बाद है और देश के प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत योजना की शुरुआत कर चुके हैं।”
कोर्ट ने एडवोकेट अर्जुन के लाल को इस मामले में कोर्ट की मदद करने को कहा है। पीठ ने एसडीएम और ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे सरकारी मध्य विद्यालय जुरु-शिलाल, कुपवी शिमला का दौरा करने और इस बारे में एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।