उपभोक्ता फोरम ने रोगी की मौत हो जाने पर कोझिकोड के नेचर लाइफ हॉस्पिटल पर लगाया चार लाख का जुर्माना [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
6 Jan 2018 5:49 PM IST
![उपभोक्ता फोरम ने रोगी की मौत हो जाने पर कोझिकोड के नेचर लाइफ हॉस्पिटल पर लगाया चार लाख का जुर्माना [आर्डर पढ़े] उपभोक्ता फोरम ने रोगी की मौत हो जाने पर कोझिकोड के नेचर लाइफ हॉस्पिटल पर लगाया चार लाख का जुर्माना [आर्डर पढ़े]](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2018/01/Jacob-vadakkanchery.jpg)
कोझिकोड के उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने प्राकृतिक चिकित्सक और वैक्सीन विरोधी कार्यकर्ता जैकब वडक्कनचेरी और जोशी एम वर्घीज पर एक रोगी की मृत्यु के बाद चार लाख का जुर्माना लगाया।
रोगी विनयानंदन कोझिकोड का एक वकील था जिसको डायबिटीज, पेप्टिक अल्सर और गुर्दे में पत्थर होने की शिकायत थी। उसको कोच्ची के नेचर लाइफ हॉस्पिटल एंड रेमेडीज में भर्ती कराया गया जिसे वडक्कनचेरी और वर्घीज मिलकर चलाते हैं। इलाज के पांच दिन के अंदर विनयानंदन बेहोश हो गया और इसके बाद एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। उसके परिवार के लोगों ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज की। इन लोगों ने कहा कि उस दिन सुबह को विनयानंदन पर योग करने के लिए जोर डाला जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। विनयानंदन को ह्रदय रोग भी था।
प्रतिवादी ने इन आरोपों के जवाब में कहा कि विनयानंदन ने भर्ती होने के समय भरे गए फॉर्म में यह नहीं बताया था कि उसे दिल की बीमारी है और न ही उसने अपना ईसीजी रिपोर्ट ही उन्हें दिया था। हालांकि फोरम ने कहा कि इस अस्पताल के मालिकों ने यह माना कि उन्हें ईसीजी को समझने की योग्यता नहीं है।
अपने आदेश में फोरम के अध्यक्ष रोज जोस ने कहा, “इस मामले में ईसीजी की रिपोर्ट देने या ना नहीं देने से कोई मतलब नहीं था। इससे यह भी पता लगता है कि इन लोगों को चिकित्सा क्षेत्र की कोई जानकारी नहीं है। कोई डॉक्टर जिस बात की प्रैक्टिस कर रहा है उसे उस क्षेत्र की जानकारी होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें डॉक्टर नहीं कहा जा सकता। इस तरह जो सबूत है उससे यह पता चलता है कि प्रतिपक्षी पार्टी नंबर 3 और 4 ने रोगी को ठीक करने में पर्याप्त कुशलता नहीं दिखाई जबकि उनको ऐसा करना चाहिए था। यह खुल्लमखुल्ला लापरवाही और पर्याप्त सेवाएं नहीं दे पाने का मामला है।”
फोरम ने अपने फैसले में कहा, “वैसे यह लगता है कि मौत का प्रत्यक्ष कारण उसको मिला इलाज है ऐसा नहीं लगता, पर उनकी ओर से रोगी का इलाज करने में भयंकर लापरवाही बरते जाने का मामला स्पष्ट है। इसलिए अस्पताल के मालिकों के खिलाफ याचिका स्वीकृत की जाती है और उनको इसके लिए पर्याप्त जुर्माना देना होगा।”
फोरम ने अपने फैसले में प्रतिवादियों को मृतक के निकट संबंधियों को चार लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। इस राशि में से दो लाख रुपए मृतक की बेटी को और उसकी पत्नी और माँ को एक-एक लाख रुपए दी जाएगी।