Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

SC ने उडीसा हाईकोर्ट के वर्तमान जज के घर तलाशी के लिए पहुंची CBI के खिलाफ FIR रद्द की [हलफनामा पढ़ें]

LiveLaw News Network
5 Jan 2018 2:59 PM GMT
SC ने उडीसा हाईकोर्ट के वर्तमान जज के घर तलाशी के लिए पहुंची CBI के खिलाफ FIR रद्द की [हलफनामा पढ़ें]
x

 एक हलफनामा दाखिल कर सीबीआई ने बेंच से कहा कि संबंधित अधिकारियों ने हाईकोर्ट  के मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान जज जस्टिस सीआर दास से भी मुलाकात की, जिनके घर जांच टीम पहुंची थी। सीबीआई ने कहा कि दोनों जज उन कारणों से संतुष्ट दिखे जिनकी वजह से ये गलती हुई। 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक मामले की जांच के दौरान उडीसा हाईकोर्ट के वर्तमान जज के घर तलाशी के लिए पहुंचने पर सीबीआई अफसरों के खिलाफ उडीसा पुलिस द्वारा दर्ज FIR को रद्द कर दिया। जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने सीबीआई के इस मुद्दे पर माफीनामे के हलफनामे को मंजूर कर लिया। इसमें सीबीआई ने जज, चीफ जस्टिस और संस्थान से इस गलती के लिए माफी मांगी थी। इसी के साथ कोर्ट ने उडीसा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका का निपटारा कर दिया जिसमें पूरे एपिसोड की जांच की मांग की गई थी।

 एक हलफनामा दाखिल करते हुए  सीबीआई ने बेंच से कहा कि संबंधित अधिकारियों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस  सीआर दास से मुलाकात की थी, जिनके घर में जांच दल तलाशी के लिए पहुंचा था। सीबीआई ने कहा कि दोनों जज ने उन कारणों से संतुष्ट दिखे जिनके चलते ये गलती हुई।

सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG ) तुषार मेहता द्वारा पेश हलफनामे को स्वीकार करते हुए बेंच ने सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज FIR  को रद्द कर दिया।

सीबीआई के हलफनामे में क्या कहा गया  है?   

हलफनामे में एजेंसी ने कहा, "1 9 और 20 सितंबर 2017 के मध्य में हुई पूरी घटना, आरसी 10 (ए) के संबंध में सर्च वारंट के दौरान की गई कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण, अनजानेपन और वास्तविक गलती थी। डीआईजी सीबीआई, ईओ -7, भुवनेश्वर ने उड़ीसा हाईकोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात की और इस घटना के लिए गंभीर अफसोस और माफी मांगी।SP के साथ डीआईजी, सीबीआई ने उन्हें ये  भी समझाया कि इस तरह की एक गलती क्यों हुई है। माननीय मुख्य न्यायधीश के साथ बैठक विचारणीय वक्त तक चली और बैठक में भाग लेने वाले अफसरों का कहना है कि माननीय मुख्य न्यायाधीश इससे संतुष्ट दिखे।

SP भुवनेश्वर ने भी  इस मामले में माननीय जस्टिस दास से मुलाकात की और उनसे माफी मांगी। साथ ही वो कारण भी गिनाए जिनकी वजह से जांच टीम अनजाने में उनके घर के प्रवेश द्वार तक पहुंच गई थी। अफसरों के मुताबिक वो भी इससे संतुष्ट दिखे।  इस मामले में शामिल पूरी यूनिट की ओर से एक बार फिर उच्च न्यायालय की संस्था और माननीय न्यायाधीश से माफी मांगी गई जिनके निवास के प्रवेश द्वार पर गलती से टीम पहुंच गई थी।"

इस दौरान उड़ीसा उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के वरिष्ठ वकील अशोक परजा उपस्थित थे। ओडिशा सरकार के लिए वकील शिबाशीष मिश्रा हाईकोर्ट के लिए वकील सिबो शंकर मिश्रा उपस्थित हुए। दरअसल सीबीआई ने हाईकोर्ट  के समक्ष लंबित बार एसोसिएशन द्वारा दायर मामले के ट्रांसफर  के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

उड़ीसा हाईकोर्ट ने इस घटना की न्यायिक जांच करने के लिए दाखिल याचिका पर सीबीआई और राज्य पुलिस को नोटिस जारी किया था।   गौरतलब है कि सीबीआई अधिकारियों की एक टीम हाईकोर्ट के एक पूर्व जज के यहां तलाशी लेने पहुंची थी लेकिन उस वक्त वर्तमान जज जस्टिस सीआर दास उस आवास पर रह रहे थे।

जज के निवास पर तैनात सुरक्षा गार्ड द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर छावनी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 448 (घर में दखल), 353 (अपने दायित्व के निर्वहन से सरकारी कर्मचारी को रोकने के लिए), 511 ( संज्ञेयनीय अपराध  ) और 34 (सामान्य इरादा)  के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी।


Next Story