एक उम्मीदवार, एक सीट : सुप्रीम कोर्ट ने मांगा AG के के वेणुगोपाल से केस में सहयोग [याचिका पढ़े]
LiveLaw News Network
11 Dec 2017 4:59 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने एक उम्मीदवार को दो सीटों से चुनाव लडने पर रोक की मांग वाली याचिका पर अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कोर्ट का सहयोग करने के लिए कहा है।
सोमवार को हुई सुनवाई में चुनाव आयोग की ओर से पेश अमित शर्मा ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच को बताया कि चुनाव आयोग ने इस संबंध में पहले साल 2004 और फिर दिसंबर 2016 में केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी थी और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-33 (7) में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि दो जगहों से चुनाव लडने और दोनों सीट जीतने से उम्मीदवार को एक सीट छोडनी पडती है और वहां फिर से चुनाव कराने पडते हैं। इससे मैनपावर और अतिरिक्त वित्तीय बोझ पडता है जो सीधे सीधे मतदाताओं का नुकसान है। सुप्रीम कोर्ट अब तीन हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगा।
दरअसल वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि जन प्रतिनिधित्व कानून अधिनियम की धारा-33 (7) के तहत प्रावधान है कि एक उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव लड़ सकता है। वहीं धारा-70 कहती है कि दो सीटों से चुनाव लड़ने के बाद अगर उम्मीदवार दोनों सीटों पर विजयी रहता है तो उसे एक सीट से इस्तीफा देना होगा क्योंकि वो एक सीट ही अपने पास रख सकता है।याचिकाकर्ता ने कहा है कि हर नागरिक का मौलिक अधिकार है कि वो उम्मीदवार का रिकार्ड, योग्यता देखे और मतदान करे। अगर उम्मीदवार दोनों जगह से जीतता है तो उसे एक सीट छोड़नी होती है और उस सीट पर दोबारा चुनाव होता है। दोबारा उपचुनाव होने से सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ता है जो जनता के पैसे का दुरुपयोग है।
याचिकाकर्ता में ये भी कहा गया है कि एक आदमी एक वोट की तरह एक उम्मीदवार, एक सीट होना चाहिए और ऐसे में जनप्रतिनिधित्व कानून के उस प्रावधान को गैर संवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए जिसके तहत एक उम्मीदवार को दो सीटों से चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाती है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार को भी भाग लेने से हतोत्साहित किया जाना चाहिए।