Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

एयर इंडिया विमान खरीद : CBI ने जांच पूरी करने के लिए मांगे दो साल, सुप्रीम कोर्ट ने दिए 6 महीने

LiveLaw News Network
4 Dec 2017 4:02 AM GMT
एयर इंडिया विमान खरीद : CBI ने जांच पूरी करने के लिए मांगे दो साल, सुप्रीम कोर्ट ने दिए 6 महीने
x

UPA सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल के दौरान एयर इंडिया के लिए 70 हजार करोड रुपये में 111 विमान खरीदने के मामले की धीमी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई पर नाराजगी जाहिर की है।

शुक्रवार को जस्टिस ए के गोयल और जस्टिस यू यू ललित ने एजेंसी को जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है। कोर्ट ने कहा कि जांच दिनों में पूरी होनी चाहिए ना कि सालों में। ये जांच इस साल जून में पूरी हो जानी चाहिए थी।

वहीं सीबीआई की ओर से पेश ASG पी एस नरसिम्हा ने कहा कि सीबीआई ने मामले में FIR दर्ज कर हर पहलू पर जांच शुरू की है। मामले के कुछ आरोपी देश से बाहर हैं उनके लिए लैटर रोगेटरी भेजा जाना है। इसलिए जांच पूरी करने के लिए दो साल का वक्त दिया जाना चाहिए।

दरअसल पांच जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि याचिका में लगाए गए आरोपों की भी जांच करे। कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि सीबीआई की जांच में दखल नहीं देंगे और जांच एजेंसियों पर भरोसा करना चाहिएसीबीआई जांच पूरी कर चार्जशीट या क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करे तो कोई भी पक्ष कोर्ट आ सकता है। उस सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश AG मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में तीन एजेंसियों की जांच चल रही है। PAC, CAG और सीबीआई मामले की जांच कर रही हैं। यहां तक कि सीबीआई मामले से जुडे 55 गवाहों के बयान ले चुकी है। संसद की PAC और CAG दोनों संसद के प्रति जवाबदेह हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को मामले में कोई आदेश नहीं देना चाहिए। इस मामले की जांच जून 2017 तक जांच पूरी हो जाएगी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने विमानों की 'अनावश्यक खरीद' पर एयर इंडिया, केंद्र सरकार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को नोटिस भेजा था। ये  नोटिस एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए गए थे जिसमें कहा गया है कि एयर इंडिया ने अनावश्यक रूप से 111 विमान खरीदे, जिससे सरकारी खजाने को 67,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और राष्ट्रीय विमानन कम्पनी घाटे में चली गई।

सुप्रीम कोर्ट  ने सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की याचिका पर सुनवाई के बाद ये नोटिस जारी किए थे। याचिका में विमानों की खरीद तथा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले अन्य निर्णयों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने का अनुरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि ये निर्णय वर्ष 2004 से 2008 के बीच लिए गए थे, जब प्रफुल्ल पटेल केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री थे।

सीपीआईएल ने विमानों को लीज पर लेने के मामले की जांच कराने का भी अनुरोध किया, जिसके कारण हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीपीआईएल ने राष्ट्रीय विमान सेवा कम्पनी पर निजी विमानन कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उड़ान का लाभदायक मार्ग तथा समय छोड़ने का आरोप लगाते हुए इसकी भी जांच कराने की मांग की। याचिका में कहा गया है कि उस वक्त एयर इंडिया का मुनाफा 100 करोड़ रुपये का था, लेकिन इसकी क्षमता यहां तक कि कुछ विमान खरीदने की भी नहीं थी। पर इसने 111 विमानों की खरीदी की, जिससे राष्ट्रीय विमानन कम्पनी घाटे में चली गई और यह घाटा बढ़ता ही गया। ये करीब 70 हजार करोड का मामला बताया गया।  याचिका के अनुसार, इन फैसलों से किसी को फायदा हुआ है तो सिर्फ विदेशी विमान निर्माताओं और निजी व विदेशी विमानन कम्पनियों को।

Next Story