महाराष्ट्र के सनसनीखेज कोपर्डी गैंगरेप और हत्या में ट्रायल कोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई मौत की सजा

LiveLaw News Network

29 Nov 2017 10:15 AM GMT

  • महाराष्ट्र के सनसनीखेज कोपर्डी गैंगरेप और हत्या में ट्रायल कोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई मौत की सजा

    महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर्डी गांव में 15 साल की नाबलिग से गैंगरेप और फिर निर्मम हत्या के मामले में तीनो दोषियों को अदालत मे मौत की सजा सुनाई है। इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे महाराष्ट्र में खलबली मचा दी थी। बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट की एडिशनल सेशन जज सुवर्णा केवाले ने जितेंद्र बाबूलाल शिंदे, संतोष गोरख भवल और नितिन गोपीनाथ भेल्यूम को फांसी की सजा सुनाई। तीनों को 18 नवंबर को दोषी करार दिया गया था।

    13 जुलाई 2016 को 9 वीं की छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी। थी। पीड़िता मराठा समुदाय से थी। तीनों दोषियों ने पीड़िता की हत्या करने से पहले उसको बुरी तरह पीटा था। पीड़िता के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान पाए गए थे।7 अक्टूबर को अहमदनगर पुलिस ने अदालत में 350 पेजों की चार्जशीट दायर की थी, जिसमें आईपीसी धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार), 120 B ( आपराधिक साजिश ) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के संबंधित खंड (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए थे।इस बर्बर घटना के विरोध में पूरे महाराष्ट्र में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए थे। मराठा समुदाय ने पूरे महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया था।  आरोप है कि दोनों परिवारों में पहले से दुश्मनी थी और आरोपी परिवार ने पीड़ित परिवार के खिलाफ अत्याचार का मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी थी। विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के मुताबिक सुनवाई के दौरान आरोपियों के खिलाफ 31 गवाह पेश किए। इस दौरान 24 परिस्थितिजन्य सबूत भी अदालत में पेश किए गए थे।

    निकम ने कोर्ट को बताया था कि आरोपियों ने नाबालिग से घटना से कुछ दिन पूर्व भी छेडछाड की थी और देख लेने की धमकी दी थी। वारदात के दिन भी तीनों मोटरसाइकिल पर थे और लडकी की निगरानी कर रहे थे।

    उन्होंने बताया कि दोषियों को रेप और साजिश के मामले में उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माना, छेडछाड के अपराध में तीन साल की सजा भी सुनवाई गई है जो साथ साथ चलेंगी।  भवल पर कोर्ट की कार्रवाई में खलल डालने पर 18 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था जो उसने नहीं भरा। अब कोर्ट ने प्रशासन को इसे वसूलने को कहा है।

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