ढाई घंटे का इंतजार, फिर यूं मिली हदिया को आजादी [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
27 Nov 2017 9:23 PM IST
हदिया उर्फ अखिला केस की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की कोर्ट नंबर एक में सोमवार दोपहर दो बजे से वकील व अन्य लोग जुटने लगे। करीब 2.25 बजे हदिया का पति शफीन जहां भी विजिटर गैलरी में पहुंच गया।
2.30 होते होते कोर्ट रूम पूरी तरह भर चुका था। 2.55 पर लाल हिजाब पहने केरल पुलिस की सुरक्षा में कोर्टरूम पहुंची। उसे सीधे अंदर ले जाया गया। सही तीन बजे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड कोर्ट में पहुंचे और बहस शुरू हुई।
लेकिन अपनी बारी के लिए उसे करीब पौने दो घंटे इंतजार करना पडा।
इसकी वजह ये है कि हदिया के पिता की ओर ये पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कुछ दस्तावेज पेश कर कहा कि ये मामला सांप्रदायिक रंग ले सकता है। इसलिए ये सुनवाई इन कैमरा होनी चाहिए। इस दौरान शफीन जहां भी कुर्सी छोडकर आगे खडा हो गया।
NIA की ओर से ASG मनिंदर सिंह भी ये कहते रहे कि ये आम केस नहीं है। एजेंसी के पास पुख्ता सबूत हैं कि उसके दिमाग पर कब्जा किया गया।
इधर शफीन की ओर ये कपिल सिब्बल कह रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट ने ही हदिया को बुलाया है और वो 25 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में केरल से दिल्ली आई है। कोर्ट को उसकी बात सुननी चाहिए।
इसी दौरान चार बज गए। बेंच तय नहीं कर पाई कि उससे बात की जाए या नहीं। सिब्बल ने कहा कि दो घंटे से हदिया कोर्ट में खडी है ताकि उसकी बात सुनी जाए।
आखिरकार 4.45 पर बेंच ने 25 मिनट तक उससे बातचीत की। हदिया अंग्रेजी नहीं बोल सकती। लिहाजा जजों ने अंग्रेजी में सवाल किए। वरिष्ठ वकील वी वी गिरी ने हदिया के जवाबों को मलयालम से अंग्रेजी में अनुवाद कर जजों को बताया।
ढाई घंटे की इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने हदिया को आजाद कर दिया। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि वो और उनके साथी जज हाईकोर्ट में रहे हैं लेकिन ऐसा केस उनके सामने कभी नहीं आया।
5.30 बजे कोर्ट ने अपना आदेश लिखाया और हदिया को डॉक्टरी की पढाई की आजादी दे दी।