सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा दंगे और रेप मामले में दोषी पुलिसकर्मियों व डॉक्टरों पर हुई विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी
LiveLaw News Network
26 Nov 2017 2:53 PM IST
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने गुजरात सरकार को जनवरी के पहले हफ्ते तक बताने को कहा है कि गोधरा कांड के बाद हुए दंगे के मामले में छह पुलिस अधिकारियों और दो डॉक्टरों की संलिप्तता के मामले में उसने विभागीय कार्रवाई शुरू की या नहीं। जनवरी 2018 के पहले हफ्ते तक गुजरात को इस मामले में जानकारी देने को कहा गया है ।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से इस मामले में जवाबब देने और सरकार से निर्देश लेने के लिए वक्त मांगा। इस मामले में पीड़ित की वकील शोभा ने केंद्र द्वारा वक्त लिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित इस मामले में पहले ही 15 साल सफर कर चुका है और राज्य सरकार बार-बार मामले में देरी कर रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल दुनिया है तमाम जानकारी मिनटों में उपलब्ध है और यह मेरी समझ से परे है कि आखिर सरकार इतना वक्त क्यों मांग रही है। उन्होंने कहा कि जाड़े की छुट्टियों से पहले नवंबर या दिसंबर में मामले को लिस्ट किया जाना चाहिए। उनकी ओर से मुआवजे के फैसले के बाद मुआवजा बढ़ाने की अर्जी दाखिल की गई थी जिसे अभी इस कोर्ट द्वारा सुनवाई की जानी है। तब कोर्ट ने कहा कि इस मामले में वह सोमवार को उठाएं और तब वह मुआवजे के मामले को देखेंगे। अब मामले की अगली सुनवाई के लिए जनवरी 2018 के पहले की तारीख कर दी है।
इस मामले में गुजरात दंगे के दौरान रेप पीड़िताओं की ओर से अर्जी दाखिल कर गुजरात पुलिस और दो डॉक्टरों के खिलाफ कारर्वाई के लिए अर्जी दाखिल की गई है। आरोप है कि इन्होंने छानबीन को नष्ट कर दिया।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। मई में गुजरात हाई कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उनके द्वारा जेल में बिताए गए समय को सजा माना था। ट्रायल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। कुल 18 लोगों को हाई कोर्ट ने दोषी करार दिया। इनमें 11 आऱोपियों को गोधरा दंगे के बाद रेप के दौरान गैंग रेप का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा दी थी।