गृह मंत्रालय की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका खारिज
LiveLaw News Network
25 Nov 2017 12:26 PM IST
गुस्से में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने शुक्रवार को कम से कम चार अगंभीर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। इसमें एक याचिका भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की भी थी जो उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के खिलाफ दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा, “सुरक्षा का प्रबंधन कैसे हो इसका सुप्रीम कोर्ट कैसे निर्णय कर सकता है? ये तो विभागीय मामले हैं...एक जनहित याचिका में हम कैसे इन सभी बातों का निर्णय कर सकते हैं...?”
जब स्वामी ने कहा कि गृह मंत्रालय नहीं, सिर्फ राष्ट्रपति राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले के बारे में निर्णय कर सकता है, न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “हम इस पर कोई आम निर्देश नहीं जारी कर सकते और आप तब यहाँ आइये जब इस तरह का कोई मामला आता है, और तब हम देखेंगे।”
तीन सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश ने पूछा, “हम आपके स्थिति के बारे में सवाल कर रहे हैं...आप एक राजनीति पार्टी के सदस्य हैं, आप अपनी सरकार के साथ इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते हैं?”
जनहित याचिका को खारिज करने से पहले मुख्य न्यायाधीश ने गुस्से में कहा, “ज़रा देखिए कि आज जनहित याचिका किस स्थिति को पहुँच गया है...मूल रूप से पीआईएल गरीब और हाशिए पर मौजूद लोगों के लिए था...और आप राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर नीति के बाबत इसका उपयोग कर रहे हैं...हम इस क्षेत्र में प्रवेश करने से बच रहे हैं।”
ट्रैफिक नीति को बनाए जाने को लेकर एक अन्य पीआईएल को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, “यह कैसा पीआईएल है? क्या अब कोर्ट को ट्रैफिक नीति की भी निगरानी करनी पड़ेगी?”
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमारे पास इन सब बातों के लिए समय नहीं है। कल हमने 10 मामलों को निपटाए...पैसे के दावे, गुजारा भत्ता के दावे, सड़क दुर्घटनाओं के दावे...लोग न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं...और इस सबके बीच हमारे सामने आता है ये जनहित याचिकाएं...ये बेकार की याचिकाएं क़ानून का भला नहीं कर रही हैं।”
पर यह पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले 28 अक्टूबर को भी मुख्य न्यायाधीश ने जनहित याचिका की आई बाढ़ पर अपनी कड़ी प्रतिक्रया व्यक्त की थी जब गुजरात में एक खेल परिसर के निर्माण को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी।