इलाहाबाद हाई कोर्ट भवन की भव्यता को बेरंग करता परिसर के अंदर फैला गंदगी का साम्राज्य
LiveLaw News Network
20 Nov 2017 11:39 AM GMT
![इलाहाबाद हाई कोर्ट भवन की भव्यता को बेरंग करता परिसर के अंदर फैला गंदगी का साम्राज्य इलाहाबाद हाई कोर्ट भवन की भव्यता को बेरंग करता परिसर के अंदर फैला गंदगी का साम्राज्य](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/23758485_10209827892123460_110885265_n.jpg)
देश में न्यायपालिका के सबसे पुराने भवनों में एक इलाहाबाद हाई कोर्ट के विशाल भवन की भव्यता को देखते ही आप इसके मुरीद हो जाएंगे। औपनिवेशिक भारत की यह भव्य इमारत पिछले डेढ़ सौ सालों से वहाँ खड़ा है। उसने एक से एक ऐसी कानूनी व्यवस्थाएं दी होंगी जो देश के कानूनी इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ होगा। इस भवन में बैठकर पिछले डेढ़ सौ सालों में एक से एक जजों ने इस देश की तकदीर बदल देनेवाले फैसले दिए होंगे और असंख्य लोगों ने उसके फैसलों की दाद दी होगी, उसकी प्रशंसा की होगी, आलोचना की होगी। इस हाई कोर्ट के कई जजों ने देश के सुप्रीम कोर्ट की शोभा बढ़ाई होगी और उन्हें इस बात का गर्व रहा होगा कि वे इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं। निस्संदेह इस हाई कोर्ट का स्वर्णिम इतिहास रहा है।
पर उसका यह गौरवपूर्ण इतिहास उस प्रदेश के लोगों में उसके प्रति गौरव का एहसास नहीं करा पाया है। अगर यहाँ के लोगों में अपने इस गौरवशाली संस्थान के प्रति आदर और सम्मान होता तो वे इसे इस कदर गंदगी के ढेर में तब्दील नहीं होने देते। लेकिन वह है तो ऐसा ही।
मुझे इसका पता तब लगा जब पिछले सप्ताह मैं इलाहाबाद हाई कोर्ट को अपनी आँखों से देखा। सहसा विश्वास ही नहीं हुआ। बाहर से इतना भव्य और विशाल दिखने वाला यह उपनिवेशकालीन भवन, सुंदर और बेहतर रखरखाव वाले लॉन के सामने खड़ा विक्टोरियन स्थापत्य कला का यह अप्रतिम नमूना आखिर क्यों इतनी गंदगी समेटे हुए है? यह एक ऐसा प्रश्न है जो इस विशाल प्रासाद में कदम रखने वाले हर व्यक्ति को परेशान करता है।
मैं एक मामले के सिलसिले में इलाहबाद हाई कोर्ट गया था और गंदगी का जिस तरह का साम्राज्य मैंने वहाँ पसरा देखा वह अविश्वसनीय था। इस विशाल भवन का बाह्य आवरण बाहर से कभी इस बात का आभास नहीं देता कि वह अपने अंदर इतनी गंदगी को छिपाए हुए होगा। अव्यवस्था और गंदगी हमारे देश की एक विशेषता है। हम जहाँ भी देखें, हमें यह दोनों ही बातें साथ-साथ दिखती हैं। इनमें से दोनों ही बेहद कुरूप है। और अगर ये साथ मिल जाएं, तो वह मंजर कितना अरुचिकर हो सकता है इसकी कल्पना भर की जा सकती है। और इलाहबाद हाई कोर्ट के परिसर में ऐसा ही मंजर दिखेगा। आप जिधर भी नजर दौराएंगे वहीँ आपको अव्यवस्था और गंदगी दिखेगी। हर वो चीज वहाँ दिखेगी जिसे वहाँ नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि आप इस भवन के अंदर हों और आपको पान के पीक के लाल छींटे से रंगे कोने न दिखें। बिजली के बेतरतीब लटकते तार जिसके आसपास भी जाने से आपको डर लगे। पीने के पानी के डिस्पेंसर जिसका पानी अगर साफ़ भी हो तो उसके नजदीक जाने में उबकाई आए- उसके आसपास पान और थूक और उस पर जमी हरी काई की मोटी परतें।
इस भवन के अंदरूनी हिस्से को देखकर यह नहीं लगता कि किसी के पास इसकी सफाई की जिम्मेदारी भी है। इस भवन के कई हिस्से तो ऐसे हैं जहाँ पर किसी सफाईकर्मी के चरण कभी पड़े हों, ऐसा लगता भी नहीं।
वहाँ मैंने कई वकीलों से बात की; सब न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे थे। उन लोगों का कहना था कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस हाई कोर्ट में कई चीजों की शुरुआत की। उन्होंने यहाँ ई-कोर्ट शुरू किया, महिला वकीलों के लिए बार रूम बनवाए, फाइलिंग की उचित व्यवस्था कायम की, हाई कोर्ट एवं इसके नीचे की अदालतों में गैरकानूनी परोक्ष शपथ पत्र एवं ऐसे ही कई अन्य बातों को बंद कराया। और अगर इतने सुधारों के बाद भी यहाँ का आलम यह है, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वहाँ किस तरह की अव्यवस्था रही होगी।
बार एसोसिएशन के पूर्व सदस्य विवेक मिश्रा और एडवोकेट अभिषेक जो कि स्थानीय अखबार अमर उजाला के पत्रकार रह चुके हैं, दोनों हमें इस हाई कोर्ट के हर हिस्से में ले गए। इस भवन में व्याप्त गंदगी और अव्यवस्था से वे कितने दुखी थे यह उनके चेहरे से स्पष्ट दिख रहा था। इन लोगों का कहना था कि अदालतों, मुकदमा लड़ने वालों और वकीलों के लिए बेहतर सुविधाओं के अकाल को एक मास्टर प्लान बनाकर दूर किया जा सकता है। न्याय उपलब्ध कराने के तरीकों में सुधार लाने की इनकी चिंताओं को देखकर मैं चकित था।
कोर्ट का भवन मोटर साइकिल, कार और अन्य वाहनों की भीड़ में डूबा दिखता है। इस भवन तक जाने का रास्ता पान के पीक से लाल रंजित रहता है। आप एक ढाबे पर जमा वकील और उनको घेरे उनके मुवक्किलों की भीड़ को देख सकते हैं।
जब आप यहाँ की हाल ही में सुरक्षा जांच के लिए बने नए दरवाजे को पार कर कोर्ट के परिसर में प्रवेश करते हैं तो कुव्यवस्था में डूबे न्याय उपलब्ध कराने की व्यवस्था को साफ़ देख सकते हैं।
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-1.jpg)
अदालत के मुख्य प्रवेश द्वार पर हर जगह कूड़े का ढेर आपको दिख जाएगा। फोटोकॉपी की दुकानें और दस्तावेजों की बाइंडिंग करने वालों ने इस पूरे जगह को घेर रखा है। यहीं पर आपको वकीलों के कुछ टेबल दिख जाएंगे। इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकील अमूमन अपने घरों या फिर अदालत परिसर के अंदर और बाहर में मौजूद स्थानों से ही अपना काम करते हैं।
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-2.jpg)
दालत की स्वर्ण जयंती के अवसर पर लगाए गए इस पट्टी के आसपास पसरी गंदगी
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-3.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-4.jpg)
कोर्ट के अंदर मुख्य डिस्प्ले बोर्ड -ऐसा लगता है कि इतने बड़े भवन में इन फालतू की चीजों को रखने के लिए कोई और जगह नहीं है
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-5.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-6.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-7.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-8.jpg)
शुरू में मैंने तो पान के पीक से गंदे हुए जगहों को गिनना शुरू किया पर यह इतनी जगहों पर था कि मैं इसकी गिनती ही भूल गया
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-9.jpg)
पान के पीक से पानी के डिस्पेंसर को भी नहीं बख्शा गया
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-10.jpg)
पानी के एक अन्य डिस्पेंसर का हाल
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-11.jpg)
और यह हाल है कोर्ट के पूछताछ काउंटर का
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-12.jpg)
कोर्ट का एक महत्त्वपूर्ण कॉरिडोर -यह दृश्य है यहाँ मौजूद एक कैंटीन का; खुले में खाना बनाने का नजारा
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-13.jpg)
भवनों के बीच की जगह जिसकी शायद आज तक कभी सफाई नहीं हुई
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-14.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-15.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-16.jpg)
कॉरिडोर में हर जगह बिखरे पुराने फाइल्स
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-17.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-18.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-19.jpg)
खुले में रखे इन फाइलों पर धूल गर्दा जो कि कोर्ट के जजों और अन्य कर्माचारियों के लिए दमे की बीमारी का स्रोत
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-20.jpg)
अदालत की दूसरी मंजिल से अदालत परिसर का दृश्य
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-21.jpg)
महिला बार रूम के पीछे लगा आरओ सिस्टम जो कि काम नहीं करता है
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-22.jpg)
लीकेज के कारण महिला वाशरूम में ताले लगे हैं और महिलाओं को इसकी जरूरत पड़ने पर भवन के दूसरे छोर पर जाना पड़ता है
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-23.jpg)
पार्टीशन के लिए जिन आलमारियों का प्रयोग हुआ है वे शायद उतने ही पुराने हैं जितनी पुराणी यह अदालत
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/litigant-squat.jpg)
मुक़दमेदारों के लिए कोई जगह नहीं है सो वे कहीं भी बैठे मिलते हैं
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-25.jpg)
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-26.jpg)
कोर्ट रूम में कुर्सियों की स्थिति आप खुद देख सकते हैं
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-27.jpg)
फाइलिंग काउंटर
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-28.jpg)
फाइलिंग काउंटर तक जाने का रास्ता
![](http://hindi.livelaw.in/wp-content/uploads/2017/11/Hc-Allahabad-29-2.jpg)
कितना अजीब बात है कि देश में न्यायपालिका से जुड़ा इतना अहम और ऐतिहासिक भवन आज इस कदर अव्यवस्था और गंदगी में डूबा हुआ है। न तो यहाँ आने वाले लोगों को इसकी कुछ परवाह है और न ही स्थानीय या कोर्ट प्रशासन को। इलाहाबाद किसी जमाने में अपने विश्वविद्यालय और न्यायालय के लिए देश भर में अपनी अलग छवि रखता था पर आज शायद यह अपने अतीत को भूल चुका है।
इस परिसर पर सिर्फ कुछ लाख रुपयों के खर्च और कुछ और सफाई कर्मचारियों को बहाल कर इसको सुंदर बनाया जा सकता है। हमें बताया गया कि बार एसोसिएशन ने यहाँ एक पुस्तकालय और महिला वकीलों के लिए बार रूम की स्थापना के लिए कदम उठाया है। कुछ वरिष्ठ वकील एसोसिएशन की मदद कर रहे हैं ताकि पुस्तकालय और कैंटीन को ठीक किया जा सके। पर इस परिसर को बेहतर स्थिति में लाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। यहाँ छह से सात हजार वकील काम करते हैं और लगभग इतने ही मुकदमेदार भी यहाँ प्रतिदिन आते हैं। इस अदालत में लगभग 300 महिला वकील हैं जो हर दिन अदालत आती हैं पर इनके लिए यहाँ शायद ही कोई व्यवस्था है, भले ही वह उनके लिए बैठने का स्थान हो या वाशरूम। ठंड के मौसम में तो फिर भी लोगों को इतनी परेशानी नहीं होती पर गर्मी के दिनों में कोर्ट परिसर उबाल पर होता है। वकीलों द्वारा पहने जाने वाले गाउन के बारे में पूछने पर वकीलों ने बताया, “गाउन पहनना अनिवार्य है, भले ही उसका रंग उजला क्यों न पड़ गया है। नियम आखिर नियम है। और यह सब जरूरी है न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए!”