चार्जशीट दाखिल करने के सात साल बाद सीबीआई ने डीए केस में चौटाला के खिलाफ अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी की [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
16 Nov 2017 11:44 AM GMT
देश में मामले को निपटाने में देरी का एक और वाकया हमारे सामने है। सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के खिलाफ आय से अधिक की संपत्ति रखने के मामले में सात साल बाद अब जाकर अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी की है।
सीबीआई के विशेष अभियोजक अजय गुप्ता ने विशेष सीबीआई जज मनोज जैन को बताया कि जांच एजेंसी अब अभियोजन की गवाही को बंद करना चाहती है।
अब इस मामले में 11 दिसंबर को भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के नेता का बयान दर्ज किया जाएगा जो कि जेबीटी घोटाले में पहले से ही जेल में बंद हैं। यह मामला वर्ष 2000 में हरियाणा में 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती से संबंधित है।
सीबीआई इस मामले में 106 गवाहियों पर निर्भर थी और इससे संबंधित चार्जशीट 2010 में ही दाखिल किए गए थे जबकि अभियोजन पक्ष की गवाही की प्रक्रिया को पूरा करने में उसको सात साल लग गए।
सीबीआई ने 26 मार्च 2010 को वर्ष 1993 और 2006 के बीच वैध आय की तुलना में ज्यादा आय (6.09 करोड़ रुपए) रखने के मामले में चार्जशीट दाखिल किया था। एजेंसी ने कहा कि उक्त अवधि में चौटाला की आय 3.22 करोड़ रुपए की उनकी कानूनी आय से 189 प्रतिशत अधिक थी।
सीबीआई की अदालत ने 3 अगस्त 2011 को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(1)(e) और 13(2) के अंतर्गत चौटाला के खिलाफ अभियोग निर्धारित किया। उनके बेटे अजय चौटाला और अभय चौटाला के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप हैं। पहले ये मामले अलग अलग अदालतों में चल रहे थे पर अब इनको एक ही अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है।
अभियोजन पक्ष की गवाही रिकॉर्ड करने के अंतिम दिन चौटाला के वकील हर्ष के. शर्मा, अनिल राठी और वैभवी शर्मा ने सीबीआई के जांच अधिकारियों से सवाल जवाब किया और उसके बाद सीबीआई ने इस प्रक्रिया को बंद कर दिया।
इस बीच, ओपी चौटाला ने अपना मुचलका वापस ले लिया। उसका मुचलका भरने वाले ने भी यह कहा कि वह अब इसे वापस लेना चाहता है। इसलिए उसका बांड सीबीआई जज मनोज जैन ने रद्द कर दिया और चौटाला को आय से अधिक की संपत्ति रखने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
सीबीआई ने हरियाणा के कांग्रेस नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर ओपी चौटाला तथा अजय और अभय चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का अलग अलग मामला दर्ज किया था।