क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करने की अपील पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस [याचिका पढ़े]

LiveLaw News Network

16 Nov 2017 11:14 AM GMT

  • क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करने की अपील पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस [याचिका पढ़े]

    सुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन (Crypto Currency) के प्रचलन को विनियमित करने के लिए दायर अपील पर केंद्र की राय माँगी है। वह चाहता है कि इस वर्चुअल करेंसी को राजकोष के प्रति उत्तरदायी बनाया जाए।

    मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वित्त मंत्री, क़ानून मंत्री, सूचना एवं तकनीक मंत्री और बाजार नियंत्रक सेबी और रिजर्व बैंक को इस मामले में नोटिस जारी किया है।

    सुप्रीम कोर्ट में यह अपील एडवोकेट द्वैपायन भौमिक ने दायर किया है। भौमिक ने कोर्ट से एक पैनल गठित करने की मांग की है ताकि बिटकॉइन को विनियमित करने के तरीके निर्धारित किए जा सकें।

    बिटकॉइन  एक डिजिटल करेंसी है जो लोगों को बैंक, क्रेडिट कार्ड या किसी तीसरे पार्टी को बीच में लाए बिना सामान और सेवाएं खरीदने की सहूलियत देता है।

    अपील में कहा गया है, “विदेश में किसी जगह से बिटकॉइन  को खरीदने के लिए प्रयोग किए गए पैसे के स्रोत के बारे में जानना पूरी तरह मुश्किल होता है और क्रिप्टो करेंसी के खाते से किसी भी तरह के कारोबार या वित्तीय कार्य के लिए इसका प्रयोग होता है और किसी पर इस कारोबार का उत्तरदायित्व नहीं होता। यहाँ यह बताना जरूरी है कि इस तरह के कारोबार का निश्चित रूप से बाजार की अन्य वस्तुओं की कीमतों पर असर होता है।”

    अपील के अनुसार, “चीन की सरकार ने फंड जमा करने के लिए नए डिजिटल कॉइन को जारी करने पर प्रतिबंधित लगा दिया है जिसे “इनिशियल कॉइन ऑफरिंग” कहा जाता है। उधर, रूसी कोर्ट ने क्रिप्टो करेंसी को रूबल में ट्रांसफर कर देने को गैर कानूनी घोषित करने का आदेश दिया है जो इस मामले की गंभीरता की ओर संकेत करता है। ऐसी स्थिति में बिटकॉइन को भारत में इजाजत दी जाए या नहीं वह इस आवेदन की सबसे बड़ी चिंता है।”

    आवेदनकर्ता के वकील पशुपतिनाथ राजदान ने कहा, “यह बताना जरूरी है कि इस समय रिजर्व बैंक क्रिप्टो करेंसी को देश के मौजूदा विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन मानता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिटकॉइन का विदेशी मुद्रा में परिवर्तन वर्तमान में केंद्रीय बैंकिंग संस्थानों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसकी वजह से इस तरह का कारोबार काफी असुरक्षित हो जाता है और यह कभी भी साइबर अटैक का शिकार हो सकता है।


     
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