Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 26 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की दी इजाजत [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network
8 Nov 2017 5:15 AM GMT
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 26 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की दी इजाजत [आर्डर पढ़े]
x

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 26 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत चाहने वाली अर्जी को स्वीकार कर लिया है। याचिका में कहा गया था कि भ्रूण में न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ियाँ हैं।

जस्टिस एसएस केकर और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच ने भारत सरकार और अन्य प्रतिवादियों को इस मामले में नोटिस जारी किया है। इससे पहले इस मामले को लेकर मुंबई के जेजे अस्पताल के डॉक्टरों की एक कमिटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी थी। 4 नवंबर को कोर्ट को बताया गया था कि याचिकाकर्ता लड़की का परीक्षण किया गया। इसमें कहा गया कि भ्रूण में गंभीर न्यूरोलॉजिकल और कंकालीय गड़बड़ियाँ हैं। भ्रूण 25 हफ्ते और 6 दिन का है। इस बात की प्रबल आशंका है कि उसे मानसिक परेशानी होगी साथ ही पक्षाघात भी हो सकता है और पेशाब से संबंधित बीमारी भी।

कोर्ट ने कहा कि बाल विभाग और कार्डियोवेस्कुलर सर्जरी विभाग ने भी यही सलाह दिया है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता के भ्रूण को जन्म लेने की इजाजत दी गई तो यह काफी जोखिम भरा होगा और बच्चा गंभीर विकलांगता का शिकार हो सकता है। भ्रूण का विकास संभव नहीं लगता है। ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार की रक्षा करना जरूरी है। संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जीवन के अधिकार शामिल हैं और वह गरिमा के साथ जीवन की बात है। न्याय का तकाजा यही है कि याचिकाकर्ता को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रिगनेंसी एक्ट 1971 के तहत भ्रूण के गर्भपात की इजाजत दी जाए।


Next Story