Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

जुनैद हत्याकांड : कोर्ट ने कहा AAG कर रहे हैं आरोपियों की मदद, पेशेवर दुराचार के लिए हो कार्रवाई [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network
31 Oct 2017 9:09 AM GMT
जुनैद हत्याकांड : कोर्ट ने कहा AAG कर रहे हैं आरोपियों की मदद, पेशेवर दुराचार के लिए हो कार्रवाई [आर्डर पढ़े]
x

16 साल के जुनैद खान की पीट- पीटकर हत्या करने के मामले में अतिरिक्त सत्र जज वाईएस राठौर ने राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल नवीन कौशिक पर आरोपियों के वकील की मदद करने का आरोप लगाया है। ये हत्या जून में हुई थी।

अंतरिम आदेश में कहा गया है कि कोर्ट के सामने ये तथ्य आया है कि AAG कौशिक अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह के दौरान बचाव पक्ष के वकील को उनसे पूछे जाने वाले सवाल बता रहे थे और मदद कर रहे थे।

कोर्ट ने आदेश में कडी टिप्पणी करते हुए कहा है कि AAG नवीन कौशिक का ये कार्य पेशेवर दुराचार है और एक वकील के तौर पर कानूनी मूल्यों के खिलाफ है। खासतौर पर तब वो हरियाणा के एडवोकेट जनरल के दफ्तर से संबंधित हैं।

कोर्ट ने मामले को संवेदनशील बताते हुए लिखा है कि अभिजोजन पक्ष के मुताबिक ट्रेन में सीट को लेकर हुए झगडे में अल्पसंख्यक समुदाय के लडके को बहुसंख्यकों ने पीट पीटकर मार डाला और मरने  वाले को धर्म के नाम पर चिढाया भी गया। ऐसे में अगर कौशिक ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष के वकील के साथ आते हैं तो ये गलत संदेश देता है और पीडित पक्ष के मन में असुरक्षा की भावना उत्पन्न करने के साथ साथ कोर्ट के फ्री एंड फेयर ट्रायल के उद्देश्य को भी नुकसान पहुंचाता है।

जज राठौर ने नवीन कौशिक के खिलाफ जरूरी कार्रवाई के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, हरियाणा के AG दफ्तर और बार कौंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा को पत्र लिखने के निर्देश दिए।

दिलचस्प बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट मे गलत तरीके से बरी होने या गलत सजा होने के जिम्मेदार प्रॉसिक्यूटरों व जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने सही जांच के अभाव और कोर्ट के सामने सही तरीके से ना रखे जाने से बरी होने के केसों में बढोतरी पर चिंता जताई थी। इसके कारण कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को अपने अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का मैकेनिज्म तैयार करने को कहा था कि दोषी को सजा मिले और निर्दोष को गलत तरीके से फंसाया ना जाए।

कोर्ट के इस आदेश को उस वक्त बल मिला जब NIA की सरकारी वकील रोहिणी साल्यान ने आरोप लगाया कि एजेंसी उन पर हिंदू कट्टरपंथियों पर नरम रवैया अपनाने का दबाव डाल रही है।

ऐसे में अब कोर्ट की टिप्पणियों को सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों को लागू किया जाना चाहिए जहां सरकारी वकीलों व जांच अधिकारियों पर  आरोप सही पाए गए हैं।


Next Story