केरल हाईकोर्ट को दो पहले और सुप्रीम कोर्ट को 14 जज देने के लिए फक्र होना चाहिए : CJI मिश्रा

LiveLaw News Network

29 Oct 2017 10:30 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट को दो पहले और सुप्रीम कोर्ट को 14 जज देने के लिए फक्र होना चाहिए : CJI मिश्रा

    भारत के मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि कोर्ट लोगों के लिए हैं ना कि लोग कोर्ट के लिए। वो शनिवार को केरल हाईकोर्ट के डायमंड जुबली समारोह के मौके पर बोल रहे थे।

    इस मौके पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि केरल हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में 14 जज और पहली महिला जज देने पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्थान में सेवा देने के लिए कोर्ट लोगों के लिए हैं, लोग कोर्ट के लिए नहीं, ये ही मोटो होना चाहिए।

    उन्होंने केरल हाईकोर्ट की केसों की संख्या बढने पर तारीफ करते हुए कहा कि ये संस्थान के प्रति लोगों के भरोसे को दर्शाता है।

    चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान द्वारा किए गए वादे के तहत लोगों को न्याय देने के लिए नए तरीके, नए औजार और नई योजनाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जैसे सुप्रीम कोर्ट में दो महीने में दो हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया।

    चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट में पहले दो और 14 जज देने के लिए केरल हाईकोर्ट की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को दो पहले और देश को फातिमा बीवी के तौर पर पहली महिला जज देने के लिए फक्र होना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि उन्हें ये कहने में कतई हिचकिचाहट नहीं है कि केरल हाईकोर्ट ने बार और बेंच के बीच पारस्परिक सहयोग के चलते कई मील के पत्थरों को पार किया है। हाईकोर्ट ने त्रुटिहीन तरीके से न्यायिक स्वतंत्रता के सिद्घांत का पालन किया है और ये इसलिए संभव हो सका है क्योंकि न्याय के मंदिर में शानदार जजों ने अपनी बौद्धिक गहराई, जोश व जीवन शक्ति प्रदान की जो कि संस्थान को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अनिवार्य है।

    एरियर कमेटी कठोर परिश्रम कर रही है

    चीफ जस्टिस मिश्रा ने अपने अभिभाषण को खत्म करते हुए कहा कि संवैधानिक कर्तव्य नागरिकों को तुरंत और सस्ता न्याय प्रदान करना है। कभी कभी न्याय में देरी से न्याय व्यवस्था में नागरिकों  का भरोसा डगमगाता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की एरियर कमेटी और हाईकोर्ट की कमेटी पूरी तरह काम कर रही है और लंबित केस अब कम हो रहे हैं। साथी जजों की कडी मेहनत की वजह से सुप्रीम कोर्ट में दो महीनों में 2 हजार से ज्यादा केस निपटाए गए है और हाईकोर्ट में भी लंबित केस कम हो रहे हैं।

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