सुपरटेक एमरेल्ड कोर्ट : सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को 26 खरीदारों को मूलधन लौटाने के निर्देश दिए

LiveLaw News Network

24 Oct 2017 5:29 AM GMT

  • सुपरटेक एमरेल्ड कोर्ट : सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को 26 खरीदारों को मूलधन लौटाने के निर्देश दिए

    नोएडा एक्सप्रेस वे स्थित सुपरटेक एमरेल्ड कोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानवलेकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिए हैं कि वो सुपरटेक द्वारा जमा कराए गए 20 करोड रुपये में से सबसे पहले उन 26 खरीदारों को मूलधन लौटाए जिन्हें अब तक एक पैसा भी वापस नहीं मिला है।

    सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके बाद ही बाकी लोगों को रुपये दिए जाएं।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एमरेल्ड कोर्ट की दोनों टावरों की वैधता को लेकर वो चार दिसंबर से सुनवाई शुरु करेगा।

    गौरतलब है कि 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो फ्लैट खरीदार रुपये वापस चाहते हैं उन्हें 14 फीसदी ब्याज के साथ  पैसा वापस मिलेगा।  सुप्रीम कोर्ट ने एमिक्स गौरव अग्रवाल को पोर्टल बनाने के आदेश दिए थे ताकि सारी सारे खरीदार वेबसाइट पर अपना ब्योरा डाल सकें। कोर्ट ने कहा था कि दो हफ्ते में खरीदारों का सारा ब्योरा कोर्ट को दिया जाए।

    अलग अलग वक्त पर सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में 20 करोड रुपये जमा करा चुका है और इसमें से कई लोगों को पैसे वापस मिल चुके हैं।

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट मामले में सुनवाई करते हुए सुपरटेक को 18 सितंबर तक 10 करोड रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए थे।

     सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने ये भी टिप्पणी की थी कि ये बिल्डरों की रणनीति होती है कि निवेशकों को जल्द पैसा वापस ना लौटाए क्योंकि वो समझते हैं कि सारे निवेशक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं करेंगे।

    कोर्ट ने कहा है कि इस रुपये से निवेशकों को मूलधन वापस होगा जबकि निवेशकों को  मुआवजा दिलाने पर बाद में विचार किया जाएगा। वहीं सुपरटेक की ओर से कहा गया कि वो पहले ही दस करोड रुपये जमा करा चुके हैं इसलिए इस बार पांच करोड रुपये जमा कराएं जाएं। लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं माना।

    दरअसल नोएडा की 40 मंजिला टावर इमरेल्ड कोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो खरीदार फैसला आने तक इंतजार नहीं करना चाहते और रिफंड चाहते हैं, वो भ्रम में क्यों रहे? वहीं  NBCC ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सील बंद रिपोर्ट सौंपी थी। कोर्ट  ने कहा था कि अगली सुनवाई पर NBCC के अफसर भी कोर्ट में  मौजूद रहे  और बताएं  कि क्या टावरों का निर्माण नियमों के मुताबिक है या नहीं?

    सुप्रीम कोर्ट ने NBCC यानी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन को चार हफ्ते के भीतर टावरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे।कोर्ट ने कहा था कि NBCC बताए कि एमरेल्ड कोर्ट के निर्माण में नियमों का पालन किया गया है या नहीं।  रिपोर्ट में बताएं कि क्या दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक दूरी रखी गई है या नहीं ? इसके बाद NBCC ने सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक दूरी नहीं है।

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