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सुप्रीम कोर्ट एप बेस ट्रांसपोर्ट को नियंत्रित करने पर करेगा सुनवाई, केंद्र से मांगा सुझाव

ओला, उबर एप बेस ट्रांसपोर्ट सर्विस को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो ये विचार करेगा कि कैसे देखेंगे एप के आधार पर ट्रांसपोर्ट सर्विस देने वाली कंपनियों को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?
जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा है कि एप बेस कैब सर्विस को किस तरीके से देश में नियंत्रित किया जा सकता है ? 7 दिसंबर तक केंद्र सरकार को कोर्ट को इसका जवाब देना है।
गुरुवार को रेप पीडित महिलाओं को मुआवजे के मामले की सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी इंदिरा जयसिंह ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा था कि एप बेस ट्रांसपोर्ट सर्विस को लेकर देश में कोई नियंत्रण नहीं है। लगातार कैब में महिलाओं के साथ अपराध के मामले आ रहे हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि लंदन में उबर की सर्विस बंद कर दी गई है। देश में चलने वाले एप बेस ट्रांसपोर्ट सर्विस कंपनियों का ऑफिस देश में नही है और अगर कोई घटना हो जाती है तो फिर जवाबदेही और पीड़ित को मुआवजा कैसे मिलेगा ?अगर कंपनी का ड्राइवर किसी आपराधिक घटना को अंजाम देता है तो कंपनी की जवाबदेही और पीड़ित को मुआवजा कैसे मिलेगा ? ये सब सवाल बरकरार हैं।
इस सुझाव को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस पर विचार करेगा। कोर्ट ने ASG पिंकी आनंद को कहा है कि वो केंद्र सरकार का पक्ष इस मुद्दे पर कोर्ट को रखे।
वहीं कोर्ट ने पीडितों को मुआवजा देने के लिए एक मॉडल रूल बनाने के लिए नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी को एक एक्सपर्ट पैनल बनाने को कहा है।