सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में डेरा सच्चा सौदा चीफ की अपील मंजूर, दोनों पीडितों की याचिका पर भी होगी सुनवाई
LiveLaw News Network
10 Oct 2017 12:11 PM IST
डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम रहीम की सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई बीस साल की सजा के खिलाफ दाखिल याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली हैं। हालांकि हाईकोर्ट ने पीडिताओं को मुआवजे के तौर पर 30 लाख रुपये देने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। वहीं रेप पीडित दोनों साध्वियों की अर्जी को भी मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस सुधीर मित्तल की बेंच ने इन अपीलों पर सुनवाई की। हालांकि कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम की इन दलीलों को ठुकरा दिया जिसमें कहा गया था कि वो तीस लाख रुपये मुआवजा नहीं दे सकते क्योंकि वो बाहरी दुनिया से कटे हुए हैं और डेरा की संपत्ति व बैंक अकाउंट फिलहाल अचैट किए गए हैं। गुरमीत राम रहीम की ओर से कहा गया कि सीबीआई की कोर्ट ने सभी तथ्यों पर विचार नहीं किया। महज अफवाहों के आधार पर ही सजा सुना दी गई। अपील में कहा गया है कि गुरमीत राम रहीम का मेडिकल तक नहीं कराया गया। यह जानना भी जरूरी नहीं समझा कि वो रेप कर भी सकते हैं या नहीं। यही नहीं दो अलग अलग डेरों में अलग अलग समय पर हुए रेप के मामलों पर सीबीआई ने एक केस दर्ज कर लिया।इसमें भी पीडित एक साल तक कुछ नहीं बोली। अपने घर वालों को भी कुछ नहीं बताया। अगर बताया तो फिर वे एक साल तक चुप क्यों रहे ? ऐसे में आरोप साबित करने में खामियों के बावजूद जज ने पूर्वाग्रह के आधार पर ही सजा सुना दी।
याचिका में पंचकूला की स्पेशल कोर्ट के 25 अगस्त को दोषी ठहराने और 28 अगस्त को सजा सुनाने के फैसले को खारिज करने की मांग की गई है।दूसरी तरफ साध्वियों की तरफ से 10 साल की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने की मांग करते हुए कहा गया कि यह मामला भावनाओं से खिलवाड़ का है जहां गुरु ने अपनी शिष्या से रेप किया। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा सजा देकर एक उदाहरण तय किया जाए।
गौरतलब है कि 28 अगस्त को 2002 में दो महिलाओं के साथ रेप के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम को दस -दस साल की सजा सुनाई थी।ये दोनों सजा एक के बाद एक चलेंगी। दरअसल सीबीआई की कोर्ट ने 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम को 2002 में आश्रम में दो महिलाओं से रेप IPC 376 और जान से मारने की धमकी यानी IPC 506 और 509 के तहत मामले में दोषी करार दिया था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सजा के ऐलान करने के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में ही सीबीआई कोर्ट लगाने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पंचकूला में हुई हिंसा पर कडी फटकार लगाते हुए रोहतक जेल में कडी सुरक्षा करने के आदेश भी जारी किए थे और इसके बाद सुनारिया जेल को किले में तब्दील कर दिया गया था। गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को शुक्रवार को दोषी करार देने के बाद राज्य भर में हिंसा भडक गई थी और इसी को देखते हुए उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए पंचकूला से रोहतक जेल ले जाया गया था। इस दौरान पंचकूला में करीब 29 लोगों की मौत हो गई थी।