दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली व आसपास के राज्यों को खेती अवशेष जलाने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network

26 Sep 2017 3:09 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली व आसपास के राज्यों को खेती अवशेष जलाने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए [आर्डर पढ़े]

    दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लग़ाम लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश,राजस्थान और पंजाब में फसल जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए तुरंत कदम उठाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

    दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषित हवा को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है। हाल ही में हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति रविंदर भट्ट और न्यायमूर्ति सुनील गौड ने कहा कि हर साल मार्च और अक्तूबर माह में प्रदूषण बढने की एक बडी वजह कृषि क्षेत्र के अपशिष्ट को जलाने से होता है। इसमें खरीफ और रबी की फसल के दौरान संयत्र अवशेष और खूंटी शामिल है। हाईकोर्ट ने राज्यों के उस हलफनामे पर भी गौर किया जिसमें कहा गया था कि खूंटी जलाने से होने वाला प्रदूषण इंसान के सहनशक्ति और खतरनाक स्तर से कहीं ज्यादा है।

    इसके बाद हाईकोर्ट ने ये कहते हुए कि इस पृथा का असर कुछ लोगों के लिए पीडादायक तो कुछ लोगों के लिए आफ़तभरा हो सकता है, निम्न दिशा निर्देश जारी किए हैं।




    1. सभी राज्य वायु प्रदूषण नियम के तहत जारी नोटिफिकेशन व दिशा निर्देशों को लागू करते हुए कृषि अवशेष/ खूंटी जलाने पर रोक को सही तरीके से लागू करेंगे।

    2. एक अक्तूबर 2017 से हर हफ्ते राज्य खेती अवशेष जलाने को लेकर उठाए गए कदम और कार्रवाई पर हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेंगे।

    3. राज्य सरकारें सभी कंपनियों या प्लांट जिनमें बायोमास प्लांट, सीमेंट प्लांट, बिजली पैदा करने वाली कंपनियों के अलावा सावर्जननिक उपक्रम कीपेपर इंडस्ट्री और बोर्ड इंडस्ट्री को निर्देश जारी कर अपने  से फसल का बेकार हिस्सा ख़रीदे

    4. सभी राज्यों की अथॉरिटी 12 जनवरी 2017 को जारी नोटिफिकेशन के तहत ग्रेडेड रेसपांस एक्शन प्लान को लागू करेंगे।

    5. खेती के अवशेष को जलाने को लेकर राज्य सरकारों की बनाई गई सामाजिक समिति द्वारा उठाए जाने वाले कदम की पर्यावरण, वन एवं क्लाईमेट चेंज मंत्रालय हर हफ्ते रिपोर्ट लेगा

    6. केंद्र सरकार इन राज्यों में खेती के अवशेष जलाने के मामलों पर सेटेलाइट के जरिए मौसम की निगरानी/ स्टडी करेगी। इसमें केंद्र/ सरकार/ पर्यावरण मंत्रालय/ क्लाईमेट चेंज की रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।

    7.  पंजाब के संगरूर, पटियाला और करनाल के जिला कलेक्टर, पंजाब के मुख्य सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव, मुजफ्फरनगर के जिला कलेक्टर, एनटीपीसी के प्रबंध निदेशक, सचिव ( एसएंड टी) और संयुक्त सचिव ( एमओएनआरई) बायोमास प्रबंधन को लेकर अपने अनुभव को जिलों और सेक्टरों से साझा करेंगे।

    8. इन जिलों में चल रही इस योजना को दूसरे राज्यों के जिले भी लागू करेंगे।

    9. जिन राज्यों में स्थानीय तौर पर स्मॉग ज्यादा होता है वहां सरकारें जनता को स्वास्थ्य को लेकर उठाए जाने वाले प्रभावी कदमों की जानकारी देगी। ये सिर्फ मौसम के हालात,दिन के किस हिस्से में धूल के कण ज्यादा रहेंगे आदि तक सीमित ना रहे बल्कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि के सहारे जनता को ऐहतिहात के तौर पर गैस मास्क आदि के बारे में जानकी दी जाए। किसी दिन में मौसम कैसा रहेगा ये बात उन लोगों तक पहुंचाई जाए जो इसके लिए कमजोर हैं जैसे पुलिस कर्मी और वार्ड स्टाफ।


    हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कोर्ट के आदेशों को लेकर संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार, पर्यावरण, वन एवं क्लाईमेट चेंज मंत्रालय और दिल्ली के  निकायों से अवशेष से बिजली बनाने संबंधी प्लांट की क्षमता बढाने पर स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है। साथ ही दिल्ली की लैंडफिल साइट्स को लेकर भी दिल्ली हाइकोर्ट ने संबंधित एजेंसियो को कोर्ट मे हलफनामा देने को कहा है।एनएचएआई को कहा है कि वो बताए कि सड़क निर्माण मे वो कूड़े का इस्तेमाल कैसे कर रहा है ? दिल्ली हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 16 अक्तूबर को होगी।


     
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