सारे चुनाव के लिए एक ही हो मतदाता सूची, रविवार को हों चुनाव, पोस्ट ऑफिस में हो पंजीकरण - सुप्रीम कोर्ट में याचिका [याचिका पढ़े]

LiveLaw News Network

22 Sep 2017 1:27 PM GMT

  • सारे चुनाव के लिए एक ही हो मतदाता सूची, रविवार को हों चुनाव, पोस्ट ऑफिस में हो पंजीकरण - सुप्रीम कोर्ट में याचिका [याचिका पढ़े]

    सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मांग कि गई है कि केंद्र सरकार और भारतीय चुनाव आयोग को संसदीय, विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए आम मतदाता सूची का इस्तेमाल करने के कदम उठाने के निर्देश दिए जाएं।

    दिल्ली के वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका में कहा है कि किसी कानून और प्रक्रिया के अभाव में राज्य चुनाव आयोग आम मतदाता सूची इस्तेमाल नहीं करते। इसी के चलते दो संवैधानिक संस्था यानि भारतीय चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग में एक ही काम को दो बार किया जाता है जिसकी वजह से बडा खर्च होता है और राज्य चुनाव आयोग को ज्यादा मशक्कत करनी पडती है। सबसे ज्यादा परेशानी मतदाता को खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं को उठानी पडती है क्योंकि वो एक सूची में अपना नाम पाते हैं तो दूसरी सूची में नाम गायब होता है।

    उपाध्याय ने अर्जी में ये भी कहा है कि मतदाताओं की पहचान और पंजीकरण के लिए पोस्ट ऑफिसों को नोडल एजेंसी बनाए जाने पर भी विचार किया जाना चाहिए। इससे ना सिर्फ मतदाता सूची में दोहराव और गडबडी के हालात से छुटकारा मिलेगा बल्कि इससे जनता के बहुत पैसे भी बचाए जा सकेंगे और मैनपावर भी बचेगा।

    याचिकाकर्ता ने कहा है कि मतदाता सूची में गडबडी को ठीक किया जा सकता है अगर नागरिकों के लिए इस प्रक्रिया को आसान कर दिया जाए और इसमें उन्हें शामिल किया जाए। इसीलिए खासतौर पर ग्रामीण जनसंख्या के लिए उनके पास के पोस्ट ऑफिस को मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए नोडल एजेंसी बना दिया जाए। इन्हें स्थानीय मतदान स्टेशन के लिए  सूची की बिक्री, वैधानिक फार्म की बिक्री, रसीद, चुनाव आयोग से सूची के पुन : बनाने लिए वैरिफिकेशन और सूची में नाम दाखिल करने या हटाने का काम दिया जा सकता है।

    याचिका में दूसरे देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि वहां ज्यादा से ज्यादा मतदाता हिस्सा लें इसलिए रविवार के दिन मतदान होता है। भारत में भी इसकी संभावना के लिए व्यावहारिक तौर पर कोई स्टडी होनी चाहिए। इसके साथ ही एक साथ मतों की गिनती की सिफारिश भी की गई है क्योंकि इसके द्वारा एक साथ 14 EVM की गिनती हो सकती है। इससे गणना के वक्त मतों की गोपनीयता भी बनी रहेगी और पैटर्न भी पता नहीं होगा जिससे धमकी या पीडित होने की संभावना ना हो।

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