खरीदारों को मुकदमेबाजी का खर्च और मानसिक यातना के लिए 80-80 हजार रुपये दे यूनिटेक, सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला
LiveLaw News Network
20 Sept 2017 2:52 PM IST
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताव रॉय और जस्टिस ए एम खानवेलकर की बेंच ने यूनिटेक को निर्देश दिया है कि कि वो गुड़गांव सेक्टर 70 की विस्टा के फ्लैट खरीदारों को मुकदमेबाजी का खर्च और मानसिक यातना के लिए 80-80 हजार रुपये बतौर मुआवजा दे। यूनिटेक को इन 39 फ्लैट खरीदारों को आठ हफ्ते में ये मुआवजा देना होगा। पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने किसी रियल स्टेट कंपनी को इस तरह रुपये देने के आदेश दिए हैं। वहीं खरीदारों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई बंद कर दी है।
गौरतलब है कि 2009- 2010 में ये फ्लैट बुक किए गए थे और फ्लैट 2012 में दिए जाने थे। फ्लैट ना मिलने पर साल 2014 में इन खरीदारों ने NCDRC में याचिका दी थी। NCDRC ने 18 फीसदी ब्याज के साथ मूलधन वापस देने के आदेश दिए थे। इस आदेश को यूनिटेक ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट पहले ही सबके रुपये वापस दिला चुका है और मूलधन के अलावा 14 फीसदी सालाना ब्याज भी इन खरीदारों को मिल चुका है।
14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक को सुनवाई में 17 करोड रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए थे। इसमें 1 जनवरी 2010 से फरवरी 2017 का ब्याज शामिल है।
इससे पहले कोर्ट ने सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा 15 करोड़ रुपये में से मूलधन भी दस्तावेज देखने के बाद वापस कर दिया था। इसके बाद ब्याज के लिए कोर्ट ने यूनिटेक को चार हफ्ते के भीतर दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश भी दिया था।
बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों की मांग को स्वीकार कर लिया जिसमें यूनिटेक से हर्जाना दिलाकर केस को बंद करने को कहा गया था। सुनवाई के दौरान खरीदारों ने कोर्ट से एक- एक लाख रुपये दिलाने की मांग कि लेकिन बेंच ने कहा कि कानूनी खर्च और मानसिक परेशानी के लिए यूनिटेक सभी को 80-80 हजार रुपये चुकाएगा। कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में यूनिटेक की जमा राशि में पैसे बचे हैं तो ये मुआवजा डिमांड ड्राफ्ट के जरिए इन खरीदारों को दिया जा सकता है।