स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा केंद्र और राज्यों से तीन हफ्ते में जवाब

LiveLaw News Network

15 Sep 2017 10:55 AM GMT

  • स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा केंद्र और राज्यों से तीन हफ्ते में जवाब

    रेयान स्कूल में छात्र की हत्या मामले में नोटिस जारी करने के बाद अब देश भर के स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने और पहले से बनी गाइडलाइन का पालन कराने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

    चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगवाई वाली बेंच ने सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार को केस में सहयोग करने को कहा है। कोर्ट ने इस याचिका को भी छात्र के पिता की याचिका के साथ जोड दिया है।दरअसल वक़ील आभा शर्मा व अन्य महिला वकीलों ने ये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में कहा गया है कि देश भर में बच्चो की सुरक्षा के लिए अलग से गाइडलाइन बनाई जाए। याचिका में ये भी कहा गया है कि जो पहले से ही जो दिशा निर्देश बनाए गए है अगर कोई स्कूल उनका पालन नहीं करता तो उन स्कूलों का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए।

    गौरतलब है कि सोमवार को ही गुडगांव के रेयान इंटरनेशनल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, हरियाणा के डीजीपी, सीबीआई और सीबीएसई को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

    प्रद्युम्न के पिता की याचिका पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानवेलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने नोटिस जारी किया था। कोर्ट में अब तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी।

    प्रद्युम्न के पिता बरुण ठाकुर  ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि  इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से फ्री एंड फेयर और फुलप्रूफ जांच कराई जाए।  देश के सभी स्कूलों के मैनेजमेंट की जवाबदेही, देनदारी और जिम्मेदारी तय की जाए। भविष्य में स्कूल के भीतर बच्चों के साथ किसी भी तरह की घटना होती है तो मैनेजमेंट , डायरेक्टर, प्रिंसिपल, प्रमोटर सबके खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप के तहत कार्रवाई हो। याचिका में ये भी कहा गया है कि इस तरह की घटना होने से स्कूल की मान्यता या लाइसेंस रद्द की जाए। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन बनाया जाए जो स्कूलों को लेकर सिफारिश दे। प्रद्युम्न के परिवार के सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए कोर्ट दिशा निर्देश जारी करे। स्कूलों में इस तरह की होने वाली घटनाओं पर सुनवाई के लिए  एक स्वतंत्र संवैधानिक बॉडी या ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन या कमेटी बनाई जाए जो स्कूलों में सुरक्षा को लेकर सिफारिश दे।

    इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष सीबीआई से जांच कराई जाए।पिता का कहना है कि एसआईटी की जांच सिर्फ स्कूल की लापरवाही पर है, लेकिन इस हत्या का सच सामने नही आया कि  बच्चे की हत्या के पीछे कौन है और उसे क्यों मारा ? इस मामले का कोई भी आरोपी बचना नही चाहिए।
    वही प्रद्युम्न के पिता के मीडिया से कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कंडक्टर के पास हथियार हो और टॉयलेट में मौजूद हो ?

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