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नाबालिग स्कूल छात्रा के साथ सेक्सुअल हिंसा जैसे मामले में तुरंत कानूनी सहायता और मुआवजा के लिए हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

LiveLaw News Network
13 Sep 2017 5:16 PM GMT
नाबालिग स्कूल छात्रा के साथ सेक्सुअल हिंसा जैसे मामले में तुरंत कानूनी सहायता और मुआवजा के लिए हाई कोर्ट ने दिया निर्देश
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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी से कहा है कि वह सेक्सुअल हिंसा के मामले में तुरंत कानूनी सहायता और मुआवजे को सुनिश्चित करे। हाल ही में स्कूली छात्रा के साथ स्कूल कैंपस में यौन हिंसा का मामला मीडिया के जरिये सामने आया था जिस पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने पुलिस और डीएलएसए को कहा है कि वह ऐसे मामले की सूचनाओं के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करें और जल्दी से जल्दी पीडि़त को कानूनी सहायता और मुआवजा दिया जाए।

दिल्ली हाई कोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर की बेंच ने कहा कि ये मामला सामने आया है कि पांच साल की बच्ची के साथ ईस्ट दिल्ली के गांधी नगर इलाके में सेक्सुअल असॉल्ट हुआ और उसे बाइक पर एलएनजेपी ले जाया गया। बेंच ने कहा कि कि अभी तक इस बात की सूचना नहीं है कि डीएलएसए ने कोई दखल दिया हो या फिर कोई कानूनी सहायता या फिर मुआवजा दिया गया हो।

अदालत ने कहा कि ऐसे मामले में तुरंत दखल की जरूरत है। सेक्सुअल ऑफेंस के मामले में आई रिपोर्ट से ज्यादा महत्वपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता है। ऐसे मामले में तुरंत ध्यान देना होगा और कानूनी सहायता के साथ-साथ मुआवजा देना होगा।

इस मामले में छानबीन बेहतर होना जरूरी है औऱ कारगर तरीके से छानबीन सुनिश्चित करना जरूरी है साथ ही ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विक्टिम को सहायता मिले। विक्टिम को न्याय सुनिश्चित कराया जाना जरूरी है। मेडिकल जांच और इलाज भी जरूरी है। साथ ही विक्टिम को वकील मुहैया कराया जाना जरूरी है।

अदालत ने डीएलएसए और दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार करेन के बारे में देखे ताकि सेक्सुअल हिंसा के मामले में सूचना का आदान प्रदान तुरंत हो ताकि एजेंसी उसमें तुरंत दखल दे और विक्टिम को सहायता उपलब्ध कराया जा सके।

अदालत ने कहा है कि अपराध की तारीख और विक्टिम को मुआवजा दिए जाने के समय में गैप हो रहा है। ऐसे मेें निर्देश दिया जाता है कि डीएसएलएसए दिल्ली पुलिस केसाथ संपर्क करे और सूचना के आदान प्रदान के लिए योजना और प्रोटोकॉल सामने पेश किया जाए। ताकि सेक्सुअल हिंसा सेपीड़ित लड़की को तुरंत कानूनी सहायता और मुआवजा दिया जा सके।

विक्टिम कंपेनसेशन स्कीम के तहत डीएसएलएसए मुआवजा प्रदान करे और ये जल्दी से जल्दी किया जाए।

डीएसएलएसए कोर्ट को मुआवजा भुगतान के बारे में क्या स्टेटस है इसबारे में कोर्ट को सूचित करे। साथ ही कानूनी सहायता भी प्रदान किया जाए।

बेंच ने कहा कि लीगल सर्विस अथॉरिटी के लिए अनुच्छेद-39 ए के तहत अनिवार्य है कि वह जरूरतमंदों को कानूनी सहायता प्रदान करे।

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