नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, अखबारों की खबरें पेड न्यूज नही थीं

LiveLaw News Network

13 Sep 2017 12:48 PM GMT

  • नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, अखबारों की खबरें पेड न्यूज नही थीं

    पेड न्यूज मामले में अयोग्य घोषित मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में दलील दी कि अखबारों की खबरें पेड न्यूज नही थी।बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान नरोत्तम मिश्रा को तरफ से कहा गया कि चुनाव आयोग द्वारा गठित कमिटी के सामने समाचार पत्रों की तरफ से कहा गया था कि ये पेड न्यूज नही है।नरोत्तम मिश्रा की तरफ से दलील दी गई कि चुनाव आयोग द्वारा गठित पेड न्यूज कमेटी जिसके रिपोर्ट के आधार पर मुझे दोषी ठहराते हुए तीन साल के लिए अयोग्य करार दिया गया है, उस कमेटी ने बिना उनका पक्ष सुने फैसला सुना दिया था जबकि नियम ये कहता है कि कमेटी कोई भी फैसला सुनाने से पहले उनके पक्ष को भी सुने।

    नरोत्तम मिश्रा ने ये भी कहा कि उनके ख़िलाफ़ पेड न्यूज के मामले में जो भी रिकॉर्ड है उसमें कोई सबूत नही है। ऐसे में चुनाव आयोग के फ़ैसले को रद्द किया जाए। नरोत्तम मिश्रा के तरफ से आज बहस पूरी हो गई अब 21 सितंबर को चुनाव आयोग अपना पक्ष रहेगा।

    गौरतलब है कि सात सितंबर को  नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि चुनाव आयोग द्वारा गठित पेड न्यूज कमेटी ने  दोषी ठहराते हुए उनका पक्ष नहीं सुना जो प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा था कि कमेटी ने उन्हें तीन साल के लिए अयोग्य करार दिया है जबकि नियम ये कहता है कि कमेटी कोई भी फैसला सुनाने से पहले दूसरे पक्ष को भी सुने।

    जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुनील गौड की बेंच के सामने सुनवाई के दौरान नरोत्तम मिश्रा की ओर से पेश सीए सुंदरम ने कहा था कि उनके ख़िलाफ़ पेड न्यूज के मामले में जो भी रिकार्ड है उसमें कोई सबूत नही है। ऐसे में चुनाव आयोग के फ़ैसले को रद्द किया जाना चाहिए।

    दरअसल चुनाव आयोग ने पेड न्यूज का दोषी पाते हुए नरोत्तम मिश्रा को 23 जून 2017 को तीन साल के लिए अयोग्य करार दिया था। आयोग ने पाया था कि वर्ष 2008 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मीडिया में लेख तथा विज्ञापन वाली खबरे छपवाई गई, जोकि नियमों के खिलाफ है।

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता के फैसले पर रोक लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को 15 दिनों के भीतर याचिका का निपटारा करने को कहा था। नरोत्तम मिश्रा ने चुनाव आयोग के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन हाईकोर्ट में जस्टिस इंदरमीत कौर ने अर्जी को खारिज कर दिया। इस दौरान वो राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं कर पाए। इसके बाद नरोत्तम की अपील पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच सुनवाई कर रही है।

    गौरतलब है कि 12 जुलाई 2017 को नरोत्तम मिश्रा की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने मामले को मध्यप्रदेश से दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। दरअसल चुनाव आयोग ने पाया था कि उन्होंने साल 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज पर खर्च की गई रकम को अपने चुनावी खर्च में नहीं दर्शाया था। कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेंद्र भारती की 2009 में की गई शिकायत पर यह फैसला आया। उन्होंने नरोत्तम मिश्रा पर 2008 के चुनावों के दौरान करप्ट प्रैक्टिस और पेड न्यूज का आरोप लगाया था।चुनाव आयोग ने जनवरी 2013 में नोटिस जारी कर नरोत्तम मिश्रा से जवाब मांगा था। उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली थी। पिछले साल नरोत्तम से दिल्ली में चुनाव आयोग ने सवाल-जवाब किए थे।

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