नजफगढ में महिलाओं के लिए मेडिकल सुविधाओं व का ब्यौरा दे केंद्र और दिल्ली सरकार : हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
2 Sept 2017 11:43 AM IST
दिल्ली के नजफगढ इलाके में मातृत्व देखभाल अस्पताल और महिलाओं के लिए शौचालय ना होने की याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर को करेगा।
शुक्रवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरीशंकर की बेंच ने इस संबंध में चार हफ्ते में जवाब तलब किया है।
हालांकि सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि नजफगढ इलाके में चार मोहल्ला क्लिनिक और दो डिसपेंसरी पहले से चल रही हैं लेकिन हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि वो इलाके में चल रहे मोहल्ला क्लिनिक पर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें।
दरअसल पिज्जा डिलीवरी और एंबुलेंस के बीच तुलना करते हुए 61 साल की एक महिला ने नजफगढ इलाके में मातृत्व देखभाल और महिलाओं के लिए शौचालय ना होने पर दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। महिला ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को इलाके में स्वास्थ्य सेवा और शौचालय बनाने के निर्देश देने की मांग की है।
दिल्ली के दक्षिण पश्चिम इलाके के नजफगढ को लेकर परमेश्वरी देवी ने ये याचिका दाखिल की है। वकील अभिषेक कुमार चौधरी के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा है कि देश में 30 मिनट में पिज्जा की डिलीवरी की गारंटी ली जा सकती है मगर एंबुलेंस के पहुंचने की नहीं।
याचिका में इलाके की दिक्कतों के बारे में हाईकोर्ट को बताया गया है कि नजफगढ इलाके में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है और इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं को बहुत परेशानी होती है खासतौर से प्रसव के वक्त उन्हें दूर दूर के अस्पताल में जाना पडता है। एेसे में मां और बच्चे दोनों की जान का खतरा बना रहता है। आसपास सरकारी अस्पताल ना होने की वजह से कई महिलाओं या बच्चों की जान जा भी चुकी है। इसके बावजूद प्रशासन इस इलाके को लेकर उदासीन है।
अपनी याचिका में परमेश्वरी ने ये भी कहा है कि गरीब तबके की महिलाओं में बहुत कम संख्या में मातृत्व देखभाल की सुविधा मिल पा रही है। प्रसव से पहले सिर्फ 54 फीसदी महिलाएं तीन बार स्वास्थ्य केंद्र जा पाती हैं जबकि बाकी शहरी क्षेत्रों में 83 फीसदी है।
महिला ने हाईकोर्ट से कहा है कि वो सरकार को नजफगढ क्षेत्र में अस्पताल बनाने के अलावा सावर्जनिक शौचालय बनाने के निर्देश जारी करे और इनमें खासतौर से महिलाओं के लिए शौचालय शामिल हों।