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अब ईवीएम की हो सकती है आलोचना, सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई

LiveLaw News Network
1 Sep 2017 11:58 AM GMT
अब ईवीएम की हो सकती है आलोचना, सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई
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अब कोई भी राजनीतिक पार्टी, संगठन या व्यक्ति ईवीएम मशीनों की आलोचना कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें कहा गया था कि ईवीएम मशीनों की आलोचना नहीं की जा सकती।

शुक्रवार को याचिकाकर्ता रमेश पांडेय की ओर से पेश वकील देवदत्त कामत ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच के सामने कहा कि हाईकोर्ट का ये आदेश कानून में ठहरने वाला नहीं है और ये फैसला बोलने की आजादी के अधिकार के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और नोटिस जारी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 6 हफ्ते बाद करेगा।
दरअसल दो जून 2017 को उत्तराखंड के नैनीताल हाइकोर्ट ने कहा था कि किसी को भी ईवीएम आलोचना करने का अधिकार नहीं है।

कोर्ट  ने ईवीएम में छेड़छाड़ के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से जारी प्रेस रिलीज को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसके आदेशों पर कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों को किसी भी संवैधानिक संस्था की साख को धक्का पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।  मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस शरद शर्मा की बेंच ने व्यापक जनहित के मद्देनजर सभी हाल में हुए विस चुनावों के संदर्भ में राज्यों के राजनीतिक दलों, अन्य राजनीतिक दलों, एनजीओ या व्यक्तिगत रूप से ईवीएम के प्रयोग की आलोचना पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति इलेक्ट्रानिक माध्यम, प्रेस, रेडियो, फेसबुक, ट्विटर इत्यादि के जरिये ईवीएम की आलोचना नहीं कर सकता।

दरअसल  नैनीताल निवासी डा. रमेश पांडे ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि चुनाव आयोग केवल चुनाव करा सकता है। चुनाव के बाद यदि कोई गलती मिलती है तो उस पर कोर्ट कार्रवाई कर सकता है।

हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

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