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RERA को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, चार सितंबर को होगी सुनवाई

LiveLaw News Network
30 Aug 2017 6:44 AM GMT
RERA को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, चार सितंबर को होगी सुनवाई
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रियल स्टेट ( रेगुलेशन एंड डवलपमेंट )एक्ट 2016 यानी RERA को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिका दाखिल की है। केंद्र ने देशभर के अलग अलग हाईकोर्ट में एक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट केंद्र की अर्जी पर सुनवाई को तैयार हो गया है  चार सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की है।
दरअसल बुधवार को केंद्र की ओर से ASG मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि देशभर के हाईकोर्ट में इस एक्ट को चुनौती दी गई है और कर्नाटक हाईकोर्ट, बोंबे हाईकोर्ट व अन्य समेत करीब 20 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। एेसे में सुप्रीम कोर्ट को इन मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाए या फिर दिल्ली हाईकोर्ट में।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा है कि वो इस मामले की सुनवाई चार सिंतबर को होगी।

दरअसल सरकार ने घर खरीदारों की रक्षा के लिए और वास्तविक निजी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने यह कानून बनाया है। रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) विधेयक, 2016 संसद की ओर से पिछले साल मार्च में पारित कर दिया गया था और इस साल 1 मईसे ही इस अधिनियम से जुड़ी 92 धाराएं प्रभावी हो गई हैं। इसके तहत डेवलपर्स को अब उन चल रही परियोजनाओं को पूरा करना होगा, जिन्हें पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। साथ ही नए लॉन्च होने वाले प्रोजेक्ट्सम का रजिस्ट्रेशन भी 3 महीने के भीतर प्राधिकरण में कराना होगा। रेरा के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्राधिकरण बनाना अनिवार्य है। भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के अंतर्गत कुल 76,000 कंपनियां शामिल हैं। परियोजनाओं और रियल एस्टेट एजेंटों के अनिवार्य पंजीकरण के अलावा इस अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों में परियोजना के निर्माण के लिए एक अलग बैंक खाते में खरीदार से एकत्रित धन का 70 फीसदी हिस्सा जमा कराना शामिल है। यह परियोजना के समय पर पूरा होने को सुनिश्चित करेगा क्योंकि केवल निर्माण उद्देश्यों के लिए ही धन निकाला जा सकता है।


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