गुरमीत राम रहीम को सजा तो रामपाल बरी, हत्या और देशद्रोह के मामले चलते रहेंगे।
LiveLaw News Network
29 Aug 2017 4:21 PM IST
डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम को रेप केस में बीस साल की सजा के एक दिन बाद सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को बडी राहत मिल गई है। हिसार कोर्ट ने चल रहे दो मामलों में फैसला सुनाते हुए रामपाल को बरी कर दिया है। इसमें रामपाल सहित 13 अन्य आरोपी शामिल हैं।
पंचकूला की हिंसा को देखते हुए हिसार की जेल में कडी सुरक्षा के बीच ही कोर्ट लगाई गई और जज ने वहीं पर ये फैसला सुनाया। हालांकि रामपाल पर हत्या और देशद्रोह के मामले चलते रहेंगे।
बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण में सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोककर बंधक बनाने के दो अलग-अलग मामले थे। 2014 में रामपाल पर FIR नंबर 426 और 427 दर्ज किए गए थे। नवंबर 2014 से रामपाल व अन्य अभियुक्त जेल में बंद हैं।
दरअसल मामलों में बहस पूरी होने के बाद 24 अगस्त को फैसला सुनाया जाना था, मगर 25 अगस्त को पंचकूला सीबीआई कोर्ट में डेरामुखी पर संभावित फैसले को लेकर बरवाला पुलिस के आग्रह पर अदालत ने 29 अगस्त तय की थी। 426 में आईपीसी धारा 323, 353, 186 व 426 के तहत मामला दर्ज किया गया था। वहीं 427 में धारा 147, 149, 188 व 342 लगाई गई थी। पुलिस के अनुसार रामपाल के समर्थक हिसार में एकत्रित हुए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इनके विरुद्ध धारा 144 की उल्लंघन करने पर केस दर्ज करके गिरफ्तार किया जाएगा। रामपाल पर देशद्रोह का मुकदमा भी चल रहा है।
सोनीपत में 1951 को जन्मे रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर थे। इसके बाद नौकरी छोड़कर रामपाल ने रोहतक के करोंथा गांव में सतलोक आश्रम बनाया। यहां विवाद हुआ तो उन्होंने हिसार के बरवाला में अपना आश्रम बना लिया। इसके बाद रोहतक अदालत में चल रहे करौंथा कांड मामले में रामपाल पेश नहीं हो रहा था। मामले को हाईकोर्ट भेज दिया गया। हाईकोर्ट में रामपाल पेश नहीं हुआ। लगातार गैर हाजिर होने पर हाईकोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए थे। 16 नवंबर 2014 को पुलिस और प्रशासन को पेश होने का भरोसा दिलाया फिर पेश होने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने 17 नंवबर 2014 को आश्रम के घेरकर कार्रवाई की थी। इस समय रामपाल के समर्थक आश्रम के अंदर थे। पुलिस बल के बावजूद रामपाल को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जा सका क्योंकि प्रशासन को डर था कि कहीं पिछले जैसी हिंसा फिर न भड़क उठे। तब रामपाल के अनुयायियों और आर्य समाजियों के बीच हिंसा में पुलिस के जवानों समेत 120 लोग घायल हुए थे, जबकि एक शख्स की मौत हो गई थी। इस मामले में उन पर देशद्रोह का मामला चल रहा है।