Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 23 अगस्त को सीबीआई के सामने पेश हों कार्ति चिदंबरम

LiveLaw News Network
18 Aug 2017 10:30 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 23 अगस्त को सीबीआई के सामने पेश हों कार्ति चिदंबरम
x

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट कार्नर नोटिस का मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को 23 अगस्त कोसीबीआई के सामने पेश होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि कार्ति को केस से संबंधित कागजात के साथ सीबीआई के सामने पेश हों। दिल्ली के सीबीआई हेडक्वार्टर में पेश होकर पूछताछ के वक्त कार्ति का वकील सीबीआई हेडक्वार्टर में दूसरे कमरे में रह सकता है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की निगरानी में जांच से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस जे एस खेहर और डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने कहा कि  सीबीआई और कार्ति पूछताछ की रिपोर्ट दाखिल करेंगे। कोर्ट ने पूछा कि अगर कार्ति से पूछताछ हो जाती है तो फिर लुक आउट सर्कुलर की जरूरत क्या है? फिलहाल सीबीआई के पास गिरफ्तारी के लायक मेटेरियल नहीं है अगर कोई मेटेरियल मिलता है तो कार्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से ASG तुषार मेहता ने कहा कि एेसा नहीं कहा जा सकता कि एजेंसी के पास मेटेरियल नहीं है लेकिन कार्ति से तथ्यों का आमना सामना कराना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लुक आउट सर्कुलर पर सुनवाई 1 सितंबर को होगी।
कार्ति की ओर से पेश गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि  उनका INX मीडिया से कोई लेना देना नहीं है। ना ही उन्होंने उस कंपनी के साथ कोई काम किया है। वो इस मामले में आज भी सीबीआई के सामने पेश हो सकते हैं ये कहना गलत है कि वो कभी सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए। 2014 में एक अन्य मामले में सीबीआई उनसे, उनके पिता से, मां से और यहां तक कि 80 साल की सास से भी पूछताछ कर चुकी है   इस मामले में FIPB के सदस्य भी सीबीआई के सामने पेश हुए थे।
इस दौरान कार्ति भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहे।

14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दो टूक कह दिया था कि सीबीआई जांच में शामिल हुए बिना विदेश नहीं जा सकते। कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर फिर से प्रभावी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के लुक आउट सर्कुलर पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश पर स्टे लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम से कहा था कि आप सीबीआई जांच में शामिल होने से पहले विदेश नहीं जा सकते। आपके पास दो विकल्प हैं कि वो CBI जांच में कब शामिल हों और विदेश जाएं या फिर मद्रास हाईकोर्ट में FIR को रद्द करने के मामले में फैसले का इंतजार करें। अगर फैसला आपके पक्ष में आए तो आप आराम से विदेश जा सकते हैं। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि आपको गिरफ्तारी का डर नही है अगर होता तो आप पहले अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल करते न कि FIR को रद्द करने की।सुप्रीम कोर्ट ने कहा आपने जांच में सहयोग नही किया। आप जांच एजेंसी के पास जाए और उनके सवालों का जवाब दे उसके बाद आप विदेश जा सकते है।

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम इस बात पर नहीं हैं कि आप सही हैं या गलत लेकिन हम ये मानते हैं कि आपको जांच में सहयोग करना चाहिए। चीफ जस्टिस खेहर ने कहा था कि कई मामले में जिसमें हमनें आरोपी को विदेश जाने की इजाजत दे दी और फिर वो देश में वापस आया ही नही।वो भी बडे सम्मानित व्यक्ति थे।  हमने कई गलतियां की हैं लेकिन अब और नहीं करना चाहते। वहीं सीबीआई की ओर से कहा गया कि ये कदम किसी की छवि खराब करने की नहीं है बल्कि ये सुनिश्चित करने की है कि वो जांच में शामिल हों। सुनवाई में CBI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। LOC का मतलब ये नहीं है कि कार्ति को जेल में ठूस दिया जाएगा। ये इसलिए किया गया कि वो जांच होने तक देश ना छोडें।  मद्रास हाईकोर्ट ने LOC पर अतरिम रोक लगाई लेकिन  हाईकोर्ट के अधिकारक्षेत्र में नहीं है क्योंकि ये FIR दिल्ली में दर्ज की गई थी।  वहीं कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनका देश छोडकर जाने का कोई इरादा नहीं है।

पहली बार जब सीबीआई ने नोटिस भेजा तो 29 जून को वो विदेश में थे और। दूसरी बार 21 जुलाई को वो हाईकोर्ट में पेश हुए थे जहां सीबीआई के जांच अफसर भी मौजूद थे। सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट के लुक आउट नोटिस पर अतरिम रोक लगाने के मामले में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया था। गौरतलब है कि 10 अगस्त को मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी थी अदालत ने केंद्र सरकार से चार सितंबर के बाद इस मामले में जवाब देने को कहा है। आइएनएक्स मीडिया मामले में गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी और आव्रजन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ 16 जून को नोटिस जारी किया था। कार्ति ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में लुक आउट नोटिस रद करने की मांग की और इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सीबीआई द्वारा जारी हर समन पर वे हाजिर हुए हैं। ऐसे में नोटिस जारी करने का कोई मतलब नहीं था। यह मामला आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है। उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।

Next Story