दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा, क्या है "ब्लू व्हेल "में जो बडे भी कूद जाते हैं बिल्डिंग से, 22 अगस्त को सुनवाई
LiveLaw News Network
17 Aug 2017 1:26 PM IST
ब्लू व्हेल चैंलेज गेम को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने इस खेल पर हैरानी जताते हुए कहा है कि ये कैसा खेल है जिसमें बच्चे तो बच्चे, बालिग लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं ? बच्चों का तो समझ में आता है लेकिन एेसा क्या है कि बालिग लोग बिल्डिंग से कूद जाते हैं ?
हालांकि सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ब्लू व्हेल खेल को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही कोई आदेश जारी किए हैं। पहले कोर्ट को ये पता होना चाहिंए कि सरकार ने क्या आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वो केंद्र सरकार के आदेश को कोर्ट के सामने रखें। हाईकोर्ट 22 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगा।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि क्या आपको लगता है कि आज ही इस पर हम कोई आदेश जारी कर सकते हैं जो पूरी तरह से प्रभावी हो ? क्या कोर्ट के आदेश से इस पर रोक लग सकती है ? क्या याचिकाकर्ता सिर्फ दिल्ली के लिए प्रतिबंध चाहते हैं या पूरे देश में ? हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में साइबर क्राइम टीम में पहले ही स्टाफ कम है।
इस मौके पर याचिकाकर्ता गुरमीत सिंह ने कहा कि उनकी जानकारी में दिल्ली में भी 2-3 केस हुए हैं और इसलिए दिल्ली पुलिस को पांच अफसरों की एक कमेटी बनाने की मांग की गई है।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें अदालत से आग्रह किया गया है कि वह गुगल, फेसबुक और याहू जैसी कपंनियों को चैलेंज आधारित आत्महत्या खेल ‘ब्लू व्हेल’ के लिंक हटाने का निर्देश दे जिसके चलते कथित रूप से दुनिया के कई देशों में अनेक बच्चों ने खुदकुशी कर ली है. याचिका पर एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर की बेंच ने कहा था कि वो गुरुवार को इसकी सुनवाई करेंगे।
याचिकाकर्ता गुरमीत सिंह ने भारत और दूसरे देशों में बच्चों की मौत की घटनाओं का जिक्र करते हुए अदालत से कहा कि वह इंटरनेट की प्रमुख कंपनियों को ब्ल्यू व्हेल चैलेंज से जुड़ी कोई भी सामग्री अपलोड करने से रोके. सिंह ने अदालत से आग्रह किया कि वह दिल्ली पुलिस को निर्देश जारी करे कि वह इस पर निगरानी रखने के लिए पांच सदस्यों पर आधारित एक समिति नियुक्त करे कि इंटरनेट कंपनियां अदालत के निर्देश की तामील कर रही हैं.
वहीं सूचना एवं प्रौद्योगिकी तथा कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ब्लू व्हेल चैलेंज पर रोक लगाने के सरकार के आदेशों का उल्लंघन करने पर प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस गेम को लेकर सरकार को कई तरह की शिकायतें मिली थी जिसके बाद इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा है कि इस गेम का संचालन करने वाली कंपनियों और प्लेटफार्म को इसे बंद करने के सख्त निर्देश दिये गये हैं।
गौरतलब है कि इस गेम को खेलने वाले बच्चों के आत्महत्या करने के संबंध में देश भर से कई मामले सामने आये थे। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके मद्देनजर सरकार ने इस खतरनाक गेम के लिंक हटाने के लिए इंटरनेट की दिग्गज कंपनियों को निर्देश जारी किए हैं। मंगलवार को ही इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने प्रमुख इंटरनेट कंपनियों- गुगल, फेसबुक, व्हाटसएप्प, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट और याहू को इस गेम के लिंक हटाने के तत्काल निर्देश जारी किए। याचिका के अनुसार भारत के अलावा, रूस, चीन, सउदी अरब, ब्राजील, अजेर्ंटीना, बुल्गारिया, चिली और इटली में बच्चों की खुदकुशी की रिपोर्ट्स मिली हैं।