गोरखपुर त्रासदी को लेकर NHRC का यूपी सरकार को नोटिस, कहा ये घटना प्रशासन के रूखेपन की ओर इशारा

LiveLaw News Network

14 Aug 2017 2:23 PM GMT

  • गोरखपुर त्रासदी को लेकर NHRC का यूपी सरकार को नोटिस, कहा ये घटना प्रशासन के रूखेपन की ओर इशारा

    गोरखपुर के अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC ) ने नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर संज्ञान लेते हुए NHRC ने गोरखपुर के बाबा राघव दास ( बीआरडी ) अस्पताल में हुई 70 से ज्यादा मौतों पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है कि पीडित परिवारों को राहत और पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और दोषी अफसरों पर क्या कारवाई की गई है ?

    अस्पताल में हुई इन मौतों को जीने के अधिकार और स्वास्थ्य के अधिकार का घोर उल्लंघन करार देते हुए NHRC ने कहा है मीडिया रिपोर्ट इशारा कर रही हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते ये त्रासदी हुई इसलिए आयोग स्वत: संज्ञान लेकर नोटिस जारी कर रहा है। ये घटना अस्पताल प्रशासन, यूपी सरकार के स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के रुखेपन की ओर इशारा कर रहा है।

    आयोग ने कहा है कि अस्पताल में जापानी इंसेफेलाइटिस के चलते मौत के कई मामले हो चुके हैं।

    दरअसल बीआरडी कालेज में पिछले गुरुवार ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने के चलते कम से कम  70 बच्चों की मौत हो गई। इनमें से ज्यादातर बच्चे जापानी  इंसेफेलाइटिस के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे जो कि राज्य में काफी फैल चुका है। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि लखनऊ में 9 से 11 अगस्त तक आयोजित खुली सुनवाई और कैंप सिटिंग के दौरान राज्य के चीफ सेकेट्री और अन्य सरकारी अफसरों के साथ  जापानी इंसेफेलाइटिस को लेकर चर्चा भी हुई थी। राज्य प्रशासन ने इस बारे में NHRC को भरोसा भी दिलाया था लेकिन हालात नहीं सुधरे।

    आयोग ने कहा है कि हिंदी और अंग्रेजी के ज्यादातर अखबारों ने 12 से 14 अगस्त के बीच ये खबरें प्रकाशित की हैं कि बीआरडी मेडिकल कालेज को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली निजी कंपनी ने 70 लाख रुपये का बिल बकाया होने के चलते सप्लाई रोक दी थी और इसकी वजह से ये त्रासदी हुई जिसमें करीब 60 बच्चों की मौत हुई। राज्य प्रशासन ने मौतों का कारण जानने के लिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश भी दिए हैं।

    उत्तर प्रदेश में पिछले एक दशक में जापानी इंसेफेलाइटिस इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ( AES) 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुके हैं और इनमें अधिकतर गोरखपुर जिले में हैं। आयोग ने कहा है कि इस साल 8 अगस्त तक अस्पताल में 124 मौत हुई हैं जबकि 2016 में 641 बच्चों की मौत हुई। 2015 में ये आंकडा 491 रहा।

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