दिल्ली हाई कोर्ट को दिल्ली सरकार ने बताया क्लास एक से आठवीं तक स्कूल बैग सप्लाई का कोई प्रस्ताव नहीं
LiveLaw News Network
10 Aug 2017 12:11 PM IST
दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि पहली से आठवीं क्लास के बच्चों को स्कूल बैग दिए जाने के बारे में कोई प्रस्ताव नहींं है। राइट टु एजुकेशन एक्ट के तहत स्कूल बैग का जिक्र नहीं है और ऐसे में स्कूल बैग नहीं दिया जा सकता है इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह बताए कि स्कूल बैग सप्लाई करने के बारे में क्या हो सकता है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि जहां तक बैग का सवाल है तो डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि बैग दिया जाए या फिर उसके बदले पैसे दिए जाएं। किताबें, लिखने वाले मैटेरियल औऱ यूनिफर्म के लिए कैश सब्सिडी की बात है लेकिन स्कूल बैग की बात नहीं है। दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में ये बातें कही।
इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली सरकार व एमसीडी से कहा था कि वह स्कूल बैग देने की संभावनाओं पर विचार करे। प्राइमरी क्लास में 16 लाख बच्चे पढते हैं।
इस मामले में कुछ स्कूली बच्चो ंकी ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि स्टडी मैटेरियल उन्हें मुहैया कराई जाए। स्टूडेंट की ओर से एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने कहा कि ग्राउंड रियलिटी ये है कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्टडी मैटेरियल और यूनिफर्म नहीं दिया जा रहा है जबकि सेशन शुरू हो चुकाहै। इस दौरान अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को स्कूल बैग भी दिया जाना चाहिए जिसके बाद कोर्ट नेसरकार से इस बारे में पूछा था।
स्कूल बैग से इनकार करते हुए सरकार ने दावा किया कि वह तमाम किताबें, स्टडी मैटेरियल, यूनिफर्म के लिए कैश आदि दे रहे हैं। यूनिफर्म के लिए कैश दिया जा रहा है ताकि बच्चे अपनी मर्जी से उसे खरीद सकें साथ ही स्टडी मैटेरियल के लिए कैश का प्रावधान किया गया है।