Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया बिना शर्त माफीनामा

LiveLaw News Network
14 July 2017 8:58 AM GMT
अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया बिना शर्त माफीनामा
x

अदालत में शपथ लेकर झूठा बयान देने और कंटेप्ट मामले में बीसीसीआई के पूर्व प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के सामने बिना शर्त माफीनामा पेश किया है। अपने हलफनामे में अनुराग ने कहा है कि उनकी कभी ये मंशा नहीं रही कि कोर्ट के प्रतिष्ठा का हनन करें।

अनुराग ठाकुर की ओर से कहा गया कि उनकी कभी ये मंशा नहीं रही कि वह कोर्ट के मान सम्मान को ठेस पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि बिना मंशा के कुछ गलतफहमी हुई और गलत संवाद हुआ। ऐसे में वह बिना किसी हिचक के माफी मांगते हैं। इस मामले में अनुराग ठाकुर की ओर से हलफऩामा पेश किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने 7 जुलाई को इस मामले में अनुराग ठाकुर की ओर से दिए गए माफीनामा को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह दोबारा माफीनामा पेश करें और बिना शर्त के साथ माफीनामा हो और 14 जुलाई कोर्ट में पेश होने को कहा था।

कंटेप्ट ऑफ कोर्ट में नोटिस जारी होने के दो महीने बाद अनुराग ठाकुर ने माफीनामा पेश किया। ठाकुर 6 मार्च को कोर्ट के सामने पेश हुए थे और तब बिना शर्त माफी की पेशकश की थी। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीएस पटवालिया से कहा था कि वह उनके क्लाइंट अनुराग की ओर से पेश माफीनामा से संतुष्ट नहीं हैं। हलफनामे में जो भाषा इस्तेमाल किया गया है वह उससे खुश नहीं हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि वह बिना शर्त माफीनामा पेश करें और 14 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था।

सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने 2 जुलाई को बीसीसीआई के तत्कालीन प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर औऱ सेक्रेटरी अजय शिरके को पद से हटा दिया था। लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लागू न करने के मामले में उन्हें हटाया गया था।

इसके बाद अनुराग ठाकुर तब परेशानी में पड़ गए थे जब कोर्ट ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि वह बताए कि अदालत में शपथ लेकर झूठा बयान देने के मामले में उनके खिलाफ क्यों न कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की कार्रवाई शुरू की जाए।

बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा गया था कि उन्होंने आईसीसी के सीईओ को यह कहने के लिए नहीं कहा था कि जस्टिस आरएम लोढ़ा कमिटी की नियुक्ति बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल की तरह होगी। अनुराग ठाकुर ने कहा था कि मैं इस बात का खंडन करता हूं कि मैने आईसीसी के सीईओ से अनुरोध किया था कि वह इस बारे में लेटर लिखें। उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर से कहा था कि यह उनका मानना था कि कार्यसमिति में सीएजी के प्रतिनिधि की नियुक्ति की लोढ़ा कमिटी की सिफारिश बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल की तरह होगी और आईसीसी ऐसी स्थिति में बोर्ड को सस्पेंड कर सकते हैं। उन्होंने शंशाक मनोहर से आग्रह किया था कि क्या आईसीसी के चेयरमैन के नाते इस बारे में लेटर जारी किया जा सकता हैं जिसमे वो बीसीसीआई के अध्यक्ष पर रहते हुए ली गई पोजीशन को क्लियर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पहली नजर में ये मानते हैं कि अनुराग ठाकुर के खिलाफ कंटेप्ट का मामला बनता है और साथ ही अदालत में शपथ लेकर झूठ बोलने का भी मामला बनता है और हम मामला शुरू करने जा रहे हैं। मनोहर ने साफ किया है कि आपने उन्हें आईसीसी से लेटर लिखने के लिए कहा था कि बीसीसीआई में सीएजी की नॉमिनी होने से बोर्ड की स्वायत्ता प्रभावित होगी और आपने (अनुराग ठाकुर) हलफनामे में इस बात से इनकार किया था। ऐसे में शपथ लेकर आपने झूठ बोला है। कोर्ट ने ठाकुर के वकील कपिल सिब्बल से कहा था कि इस मामले में आदेश पारित होने के बाद अपने क्लाइंट जेल जा सकते हैं।


Next Story