Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

यौन शोषण के मामलों को देखने वाले डाक्टरों को हाईकोर्ट ने दी ट्रेनिंग

LiveLaw News Network
14 Jun 2017 7:31 AM GMT
यौन शोषण के मामलों को देखने वाले डाक्टरों को हाईकोर्ट ने दी ट्रेनिंग
x

दिल्ली हाई कोर्ट ने उन डॉक्टरों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जो सेक्सुअल हरासमेंट के केस में पीड़िता का मेडिकल एग्जामिनेशन करते हैं। ट्रेनिंग के बारे में दी गई जानकारी के मुताबिक अधिक्तर मामलों में डाक्टर मेडिकल व वैज्ञानिक जांच के संबंध में बने वैधानिक प्रावधानों से अनभिज्ञ होते है।इसलिए उनको नहीं पता होता है कि यौन शोषण के मामलों में किस तरह के मेडिकल जांच की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि उनको इन मामलों से जुड़े कानून के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन इसलिए किया गया है ताकि डाक्टरों को इस बारे में संवेदनशील बनाया जा सके और उनको कानून व विभिन्न फैसलों के तहत दिए गए दिशा-निर्देशों के बारे में बताया जा सके,ताकि वह अभियोजन पक्ष को सपोर्ट कर पाए।

इस प्रोग्राम में उपाय कुशलता के तौर पर जस्टिस के खन्ना(पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज),जो वर्तमान में रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के चेयरमैन है,डाक्अर जे नारायण रेड्डी(प्रोफेसर आॅफ फारेंसिक मेडिसन,वेदही इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर,बैंगलोर), मिस विद्या रेड्डी(डायरेक्टर आॅफ तुलीर-सेंटर फाॅर दा प्रीवेंशन एंड हीलिंग आॅफ चाइल्ड सैक्सुअल एब्यूज,चेन्नई),डाक्टर एस रामजी(पूर्व डीन,मौलाना आजाद मेडिकल कालेज) व मिस पदमा दिओसथाली(पूर्व निदेशक,सीईएचएटी) को बुलाया गया था।

इस प्रोग्राम में जिन विषयों को परिचर्चा के लिए शामिल किया था,वो इस प्रकार है-उन परिस्थितियों को समझना जिनमें यौन हिंसा की गई है,यौन पीड़ित के परीक्षण के समय आने वाले फारेंसिक मामले,क्लीनिक मामलों के समय सहमति,इतिहास,एमओएचएफडब्ल्यू के दिशा-निर्देश के अनुसार पीड़ित का परीक्षण,सबूत एकत्रित करना,फारेंसिक मामले व आरोपी का क्लीनिकल परीक्षण और कोर्ट में सबूत दर्ज करना।

Next Story