इवेंटफुल डे यानि घटनाओं से भरे दिन के बाद,सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुआ ग्रीष्मकालीन अवकाश
LiveLaw News Network
14 Jun 2017 12:57 PM IST
मंगलवार से सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गया है। अब कोर्ट तीन जुलाई को फिर से खुलेगा,परंतु इस बीच अवकाश की अवधि में भी 359 मामलों की सुनवाई की जाएगी। अवकाश से पहले का यह आखिरी दिन कोर्ट के लिए घटनाओं से भरा दिन साबित हुआ।
इस दिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट एक सिटिंग जज को अवमानना के मामले में दोषी करार देते हुए सजा दी है। इस तरह का यह मामला भारतीय न्याय इतिहास में पहली बार देखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन को कोर्ट व न्यायप्रणाली की अवमानना के मामले में छह माह कैद की सजा सुनाई हैै। मामले की सुनवाई के दौरान मौजूद कई वकीलों ने भी यह महसूस किया कि जस्टिस कर्णन का काम माफी योग्य नहीं था और वह कड़ी सजा पाने के हकदार हैै। हालांकि जब वकील वेणुगोपाल ने कोर्ट को सुझाव दिया कि जस्टिस कर्णन के रिटायर होने का इंतजार किया जाना चाहिए तो मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर ने कहा कि अवमानना का अधिकार यह भेद नहीं करता है कि कौन क्या है,क्या वह एक जज है या व्यक्ति या निजी व्यक्ति। यदि वह सोचते हैं कि वह सिटिंग जज है और उन्हें दंड नहीं मिलेगा तो वह गलत है।
वहीं अवमानना के मामले में एक अन्य फैसला शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ दिया गया। माल्या ने विदेश व भारत में अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के कोर्ट के आदेश का जानबूझकर पालन नहीं किया है।इसलिए अब विजय माल्या को दस जुलाई को कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश दिया गया है ताकि उसको सजा दी जा सके। माल्या पर नौ हजार करोड़ रूपए का लोन न चुकाने का मामला चल रहा है,जिसे वह वापिस देने से बच रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश इस लोन को न चुकाने के उसके इरादों पर पानी फेरने का काम करेगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अवकाशकाल के दौरान कुछ आवश्यक विविध मामलों व कुछ नियमित सुनवाई के मामलों को सुनने का फैसला किया है। ताकि बढ़ते मामलों के बोझ को थोड़ा कम किया जा सके।
इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट उस समय सुर्खियों में आ चुकी है,जब उन्होंने अपनी इच्छा जताते हुए कहा था कि वह 5298 मामलों को वह अवकाशकाल के दौरान सुनना चाहते है। इन केस को नोटिस फाॅर एडवांस ’रेगुलर हिरिंग मैटर लिस्ट’ फाॅर समर वेकेशन में शो किया गया था।
अब इस काम के लिए दो डिविजन बेंच का गठन किया गया है। पहली खंडपीठ में न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा व न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा है। जो 11 मई से 14 मई तक मामलों की सुनवाई करेंगे। दूसरी खंडपीठ में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राॅव व न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा होंगे। जो 15 मई से 27 मई तक मामलों की सुनवाई करेंगे।
इसी दौरान तीन संविधान पीठ भी मामलों की सुनवाई करने के लिए बैठेंगी,जो गंभीर मामलों जैसे तीन तलाक व राईट टू डिग्निटी आॅफ मुस्लिम वूमन,वट्सएप्प इंप्लिकेशन आॅन सिटिजन राईट टू प्राइवेसी व वेक्स्ट सिटिजनशीप टैंगल इन असाम आदि मामलों पर विचार करेगी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने डीयू फोटोकाॅपी से संबंधित एक अपील को खारिज करते हुए खुद ही कहा कि ’इंज्वाय योवर वेकेशनस’।