मवेशी मार्केट में गायों को वध के लिए बेचने पर केंद्र ने लगाया बैन जानवरों के व्यापार पर भी लगा प्रतिबंध
LiveLaw News Network
31 May 2017 8:11 PM IST
केंद्र सरकार ने गुरूवार को मवेशी मार्केट में गाय को बध करने के लिए किए जाने वाली बिक्री पर रोक लगा दी है।
पर्यावरण एंव वन मंत्रालय ने प्रीवेंशन आॅफ क्रूअल्टी टू एनीमल एक्ट के तहत नए रूल नोटिफाई कर दिए है,जिनके तहत पूरे भारत में एनिमल मार्केट में गाय व भैंसों को वध के लिए बेचने पर रोक लगा दी है।
दाॅ प्रीवेंशन आॅफ क्रूअल्टी टू एनीमल (रेगुलेशन आॅफ लाइवस्टाॅक मार्केट) रूल 2017 को पर्यावरण,वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जारी किया है। जिनके तहत सिर्फ खेत के मालिक ही एनिमल मार्केट में व्यापार कर सकते है। केंद्र सरकार ने दाॅ प्रीवेंशन आॅफ क्रूअल्टी टू एनीमल (केयर एंड मेंटनन्स आॅफ केस प्राॅपर्टी एनीमल्स)रूल 2017 को भी नोटिफाई किया है। इस अधिसूचना के तहत बैल,बधिया,गाय,भैंस,सांड, बछड़ियां व बछड़ा व उंट का व्यापार भी शामिल है। वहीं इन जानवरों को खरीदने वालों को भी यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि इन जानवरों को खेती के काम के लिए खरीदा जा रहा है न कि उनके वध के लिए।
रूल के तहत गाय के व्यापार के लिए पेपरवर्क करना होगा। इसके लिए बेचने वाले व खरीदने वाले को अपना पहचान पत्र पेश करना होगा और अपनी जमीन से संबंधी कागजात पेश करने होंगे। गाय को खरीदने के बाद व्यापारी को बेचने के प्रूफ की पांच काॅपी बनानी होगी और उनको लोकल रिवेन्यू आॅफिस,खरीददार के जिले के लोकल वैटरनिटी डाक्टर,एनीमल मार्केट कमेटी के पास जमा करानी होगी। इसके अलावा एक-एक काॅपी खरीददार व बेचने वाले को अपने पास रखनी होगी।
इन रूल के तहत एक डिस्ट्रिक एनीमल मार्केट माॅनिटरिंग कमेटी का गठन भी किया जाएगा,जिसका मुखिया एक मैजिस्ट्रेट होगा। यह कमेटी जिले की एनीमल मार्केट को नियंत्रित करेगी। इस काम के लिए लोकल अॅथारिटी को निर्देश दिए गए है कि एनीमल मार्केट के कामकाज की एक सूची बना ले ताकि नियमों को लागू किया जा सके। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पचास किलोमीटर के दायरे में और अंतरराज्यीय सीमा के 25 किलोमीटर के दायरे में कोई एनीमल मार्केट नहीं लगाई जाएगी। वहीं जानवरों को राज्य से बाहर ले जाने के लिए राज्य सरकार के नामित व्यक्ति से विशेष अनुमति की जरूरत पड़ेगी।
इन रूल के तहत ’कू्रअल एंड हार्मफुल’ मानी जाने वाली कई प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिसमें जानवरों की पहचान के कई तरीके जैसे होट व कोल्ड ब्रांडिंग,बाल काटना व सींग को पेंट करना,घोड़ों की बीशाॅपिंग,भैंसों के कान काटना,जानवरों को बिना उचित बेडिंग के ढ़लाव पर चढ़ाना और जानवरों के शरीर पर किसी भी तरह के रंग या कैमिकल का प्रयोग करना आदि शामिल है। वहीं किसी भी जानवर को जो इंचार्ज होगा,यह उसकी जिम्मेदारी होगी कि जानवर को किसी तरह की चोट न लगे या उसके किसी तरह की परेशानी या दर्द न हो। वहीं वैटरनरी इंस्पेक्टर के लिए यह जरूरी होगा कि वह जानवरा की ढुलाई के समय यह देखे कि उनको ठीक से वाहन में चढ़ाया या उतारा जा रहा है या नहीं,किसी भी सूरत में जानवरों को ढुलाई के समय तंग न किया जाए। वही इंस्पेक्टर किसी भी जानवर को बेचने के लिए अनफिट करार दे सकता है।