पूरी तरह से लागू हुआ रियल एस्टेट(रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016

LiveLaw News Network

31 May 2017 2:40 PM GMT

  • पूरी तरह से लागू हुआ रियल एस्टेट(रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016

    रियल एस्टेट(रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016,सोमवार से लागू हो गया। एक्ट की धारा-3-19,40,59-70,79 व 80 के साथ पूरी तरह से लागू हो गया है। एक मई 2016 को जब यह एक्ट लागू हुआ था तब सिर्फ 69 धाराओं को नोटिफाई किया गया था। इस एक्ट के लागू होने के चलते हाउसिंग एंड अर्बन पोवर्टी एलीवेशन मंत्रालय ने उन माॅडल रियल एस्टेट रेगुलेशन को बनाकर प्रसारित कर दिया है जो राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में रेगुलेट्री अॅथारिटीज द्वारा स्वीकार किए जाने है।

    एक्ट की मुख्य विशेषताएंः-

    -यह एक्ट रेजीडेंटल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में खरीददार व प्रमोटर के बीच हुए लेन-देन को नियंत्रित करेगा। इसके लिए राज्य स्तर पर रेगुलेट्री अॅथारिटीज को गठन होगा,जिनको रियल एस्टेट रेगुलेट्री अॅथारिटीज(आरईआरए) के नाम से जाना जाएगा।

    -रेजीडेंटल रियल एस्टेट प्रोजेक्टस,कुछ अपवादों को छोड़कर आरईआरए के पास रजिस्टर्ड कराने होंगे। प्रमोटर इन प्रोजेक्ट के रजिस्टेªशन के बिना न तो इनको प्रमोट कर पाएंगे और न ही बेच पाएंगे। इन प्रोजेक्ट के लिए काम करने वाले रियल एस्टेट एजेंट को भी आरईआरए के पास अपने आप को रजिस्टर करना होगा।

    - रजिस्टेªशन,के समय प्रमोटर को अपने प्रोजेक्ट की सारी जानकारी आरईआरए की वेबसाइट पर ड़ालनी होगी। जिसमें साइट,ले-आउट प्लान व प्रोजेक्ट कब पूरा होगा,इस संबंध में जानकारी देनी होगी।

    -खरीददारों से लिए गए पैसे का 70 प्रतिशत भाग एक अलग बैंक एकाउंट में रखना होगा और इस पैसे का प्रयोग सिर्फ प्रोजेक्ट के निर्माण काम में ही होगा। राज्य सरकार इस सीमा को अपने हिसाब से कम कर सकती है।

    -बनावट-संबंधी किसी भी तरह के डिफेक्ट के लिए पांच साल तक डेवलपर जिम्मेदार होगा।

    -डेवलपर व खरीददार,दोनों को देरी होने की सूरत में एक जैसी दर से ब्याज देना होगा। जो एसबीआई मारजिनल कोस्ट आॅफ लेंडिंग रेट प्लस दो प्रतिशत होगा।

    -एक्ट के तहत राज्य स्तर पर ट्रिब्यूनल का गठन होगा,जिनको रियल एस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल कहा जाएगा। आरईआरए के फैसलों को इन ट्रिब्यूनल में चुनौती दी जा सकेगी।

    - अपीलेट ट्रिब्यूनल एंड रेगुलेट्री अॅथारिटीज के आदेश का उल्लंघन करने पर एक्ट के तहत डेवलपर को तीन साल तक और एजेंट व खरीददार को एक साल तक की सजा का प्रावधान भी किया गया है।

    रियल एस्टेट(रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016 के लागू होने तक का घटनाक्रमः-

    -बीस जनवरी 2009 को मिनिस्ट्री आॅफ हाउसिंग,अर्बन एंड डेवलपमेंट और राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की म्यूनिस्पिल अफेयर की एक नेशनल कांफ्रेंस हुई थी,जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक कानून बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।

    -इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा किए गए सलाह-मशविरे के बाद यह निर्णय लिया गया था कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सेंट्रल लाॅ बनाया जाएगा। इसे कंपिटिशन कमीशन आॅफ इंडिया,टैरिफ कमीशन व मिनिस्ट्री आॅफ कंज्यूमर अफेयर का समर्थन मिला।

    - मिनिस्ट्री आॅफ लाॅ एंड जस्टिस ने जुलाई 2011 में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए संविधान की कंटरेंट लिस्ट के तहत सेंट्रल लेजिस्लेशन के सुझाव दिए ताकि प्राॅपर्टी के ट्रांसफर व कांट्रेक्ट को नियंत्रित किया जा सके।

    -चार जुलाई 2013 को यूनियन कैबिनेट ने रियल एस्टेट बिल 2013 को अप्रूव कर दिया।

    - 14 अगस्त 2013 को रियल एस्टेट बिल 2013 को राज्यसभा के समक्ष रखा गया।

    -23 सितम्बर 2013 को इस बिल को डिपार्टमेंट रिलेटिड स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया।

    -स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट 13 फरवरी 2014 को राज्यसभा के समक्ष व 17 फरवरी 2014 को लोकसभा के समक्ष रखी गई।

    -नौ फरवरी 2015 को अॅटार्नी जनरल ने भी रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बनाए सेंट्रल लेजिस्लेशन की वैधता को ठीक ठहरा दिया।

    -7 अप्रैल 2015 को यूनियन कैबिनेट ने स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किए गए संशोधनों को अप्रूव कर दिया।

    -रियल एस्टेट बिल 2013 व आॅफिसयल संशोधनों को छह मार्च 2015 को राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी के पास रेफर कर दिया गया।

    -राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी ने तीस जुलाई 2015 को अपनी रिपोर्ट व रियल एस्टेट बिल 2015 को पेश कर दिया।

    -नौ दिसम्बर 2015 को यूनियन कैबिनेट ने राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी की तरफ से पेश किए गए रियल एस्टेट बिल 2015 को अप्रूव कर दिया ताकि संसद में उस पर आगे विचार किया जा सके।

    -22 व 23 दिसम्बर 2015 को इस बिल पर विचार करने के लिए राज्यसभा की सूची में शामिल किया गया,परंतु बिल पर बहस नहीं हो पाई।

    -10 मार्च 2016 को राज्यसभा ने इस बिल को पास कर दिया और 15 मार्च 2016 को लोकसभा में भी इस बिल को पास कर दिया गया।

    -25 मार्च 2016 को देश के राष्ट्रपति ने भी इस बिल पर अपनी सहमति दे दी।

    - 26 मार्च 2016 को रियल एस्टेट(रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016 को गैजेट में आम जनता की सूचना के लिए प्रकाशित कर दिया गया।

    - रियल एस्टेट(रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016 की 69 धाराओं को हाउसिंग एंड अर्बन पोवर्टी एलीवेशन मंत्रालय ने 27 अप्रैल 2016 को नोटिफाई कर दिया था ताकि एक मई 2016 से यह एक्ट लागू किया जा सके।

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