एक ही आरोप पर कई बार जांच कराना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
Amir Ahmad
31 Dec 2024 5:28 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले में नगर परिषद खन्ना में पदस्थ जूनियर इंजीनियर को अग्रिम जमानत दी, जिस पर 3.17 लाख रुपये के गबन का आरोप है।
जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा,
"एक ही आरोप पर कई बार जांच कराना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। साथ ही यह तथ्य भी है कि याचिकाकर्ता के इरादे नेक हैं। वह जांच में शामिल होने तथा उसे आगे बढ़ाने में सहयोग करने के लिए तैयार है, जिससे जांच एजेंसी निर्धारित अवधि के भीतर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर सके।"
आरोप है कि याचिकाकर्ता अजय कुमार अन्य लोगों के साथ मिलकर 4.20 लाख रुपये का टेंडर जारी करके 3.17 लाख रुपये का गबन करने में शामिल था।
याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित सीनियर एडवोकेट ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों के एक ही सेट पर कई जांच पुलिस महानिदेशक, पंजाब द्वारा जारी दिनांक 01.04.2008 की अधिसूचना के आलोक में स्वीकार्य नहीं है।
जसविंदर सिंह बनाम पंजाब राज्य और अन्य [सीआरएम-एम-18244-2008] पर भरोसा करते हुए इस बात को रेखांकित किया गया कि कई बार जांच करने से न केवल याचिकाकर्ता-शिकायतकर्ता के साथ अन्याय होता है, बल्कि यह दुर्व्यवहार, उत्पीड़न का स्रोत भी बन जाता है। आपराधिक जांच और मुकदमे के निष्कर्ष में देरी का कारण बनता है।
याचिका का विरोध करते हुए राज्य के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इसलिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता है। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं है।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने पहले पंजाब पुलिस अधिकारियों को ललिता कुमारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवमानना करते हुए बिना कोई FIR दर्ज किए व्यक्ति के खिलाफ कई बार जांच शुरू करने के लिए फटकार लगाई।
केस टाइटल: अजय कुमार बनाम पंजाब राज्य