युवाओं को गैंगस्टर बनने के लिए प्रभावित करने के लिए वीडियो बनाने के आरोपी व्यक्ति की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
Amir Ahmad
3 Aug 2024 12:53 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कथित अपराधी परवीन उर्फ दादा की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा। उस पर लोगों को आतंकित करने का आरोप है और उसके खिलाफ 20 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं।
हिरासत के आधार में यह भी कहा गया कि प्रवीण अपने सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों का इस्तेमाल करते हुए वीडियो अपलोड करता है, जिससे युवाओं को गैंगस्टर बनने के लिए प्रभावित किया जा सके।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने कहा,
"यूओआई और हरियाणा राज्य को अपने जवाब दाखिल करने दें और जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय के साथ-साथ राज्य से संबंधित प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करें।"
याचिका के अनुसार हिरासत के आधार में कहा गया कि याचिकाकर्ता रोहतक स्थित आज़ाद गैंग से संबंधित है और उसे 2023 में धारा 148, 149, 307, 506, 120बी आईपीसी और धारा 25 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर में गिरफ्तार किया गया।
याचिका में कहा गया,
"उपर्युक्त एफआईआर नंबर 55 का अवलोकन करने से पता चलता है कि यह कोई चोट का मामला नहीं है। कथित अपराध की तारीख 07-08.03.2023 है, यानी जिला मजिस्ट्रेट रोहतक द्वारा पहला हिरासत आदेश जारी करने से एक साल से भी अधिक समय पहले। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता के कथित पिछले आचरण और उसे हिरासत में लेने की अनिवार्य आवश्यकता के बीच कोई जीवंत और निकट संबंध नहीं था।”
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को अप्रैल में ट्रायल कोर्ट ने जमानत दी थी। हालांकि यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि उसने अपनी जमानत बांड दाखिल नहीं की थी। वह आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत अन्य एफआईआर में दिल्ली की रोहिणी जेल में न्यायिक हिरासत में था, जब मई में पहला हिरासत आदेश पारित किया गया। यह मानने का कोई तात्कालिक कारण नहीं था कि याचिकाकर्ता की हिरासत सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
याचिका में कहा गया कि जिला मजिस्ट्रेट का यह संदेह कि याचिकाकर्ता अपने पिछले आचरण के आधार पर रिहा होने पर जघन्य अपराधों में लिप्त होगा, बिना किसी ठोस सबूत के केवल संदेह के अलावा और कुछ नहीं है। नतीजतन, याचिका में NSA की धारा 3 के तहत 2024 में पारित हिरासत आदेशों को रद्द करने की मांग की गई।
मामले पर अगली सुनवाई 28 को होगी।
केस टाइटल- परवीन उर्फ दादा बनाम भारत संघ और अन्य