केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के सरकारी जज के रूप में जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण की नियुक्ति को अधिसूचित किया

Amir Ahmad

11 March 2024 8:36 AM GMT

  • केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के सरकारी जज के रूप में जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण की नियुक्ति को अधिसूचित किया

    केंद्र सरकार ने रविवार को मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के सरकारी जज के रूप में जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की।

    कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना इस प्रकार है,

    "भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति मध्य प्रदेश हाइकोर्ट (पीएचसी: आंध्र प्रदेश) के एडिशनल जज जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं। मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के न्यायाधीश आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट में सरकारी जज की रिक्ति के विरुद्धअपने कार्यालय का प्रभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होंगे।"

    जस्टिस रमण के पिता अप्पन्ना रमण रेलवे गैंगमैन थे और वह वराहलम्मा के घर 03 जून 1963 को श्रीकाकुलम जिले के पोंडुरु मंडल के चिन्ना बोड्डेपल्ली हैमलेट में हुए। 13 वर्ष की आयु में उनके पिता की मृत्यु हो गई और उनका पालन-पोषण उनकी माँ और बड़े भाई श्री दुप्पला वेंकट सत्यम ने किया।

    उन्होंने एन.वी.पी. से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1989 में लॉ कॉलेज विशाखापत्तनम और आचार्य नागार्जुन यूनिवर्सिटी गुंटूर से कानून में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वह जून, 1989 में वकील के रूप में नामांकित हुए और जिला बार एसोसिएशन श्रीकाकुलम में शामिल हो गए। जून, 1990 तक प्रैक्टिस की। इसके बाद उन्होंने विशाखापत्तनम बार एसोसिएशन में प्रैक्टिस ट्रांसफर कर दी और मई, 1994 तक प्रैक्टिस की।

    वह परिवार की पहली पीढ़ी के वकील है। उन्हें 1994 में जिला मुंसिफ के रूप में चुना गया और उन्होंने अमलापुरम, मचर्ला, हैदराबाद, विजयवाड़ा और तिरूपति में काम किया। जनवरी, 2007 में उन्हें सीनियर सिविल न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और उन्होंने हैदराबाद तिरूपति और काकीनाडा में काम किया।

    वर्ष 2015 में उन्हें जिला न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और उन्होंने काकीनाडा में VII एडिशनल जिला एवं सेशन जज के रूप में कार्य किया। 2015 से 2017 तक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में देवस्थानम कानून अधिकारी के रूप में नियुक्त भी हुए।

    उनकी रुचि विधायी प्रारूपण में है, इसलिए उन्हें जून 2019 से 03.08.2022 तक रजिस्ट्रार (प्रबंधन), बाद में रजिस्ट्रार (भर्ती) और आगे रजिस्ट्रार (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया।

    उन्हें 04-08-2022 को आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट एडिशनल जज के रूप में पदोन्नत किया गया और 30-10-2023 तक काम किया। उन्होंने 01.11.2023 को जबलपुर में मध्य प्रदेश हाइकोर्ट के एडिशनल जज के रूप में शपथ ली।

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