दिल्ली हाइकोर्ट ने विज्ञापन अवरोध के कारण अपूरणीय क्षति का हवाला देते हुए विज्ञापन समझौते में Google यथास्थिति बनाए रखे

Amir Ahmad

4 April 2024 7:28 AM GMT

  • दिल्ली हाइकोर्ट ने विज्ञापन अवरोध के कारण अपूरणीय क्षति का हवाला देते हुए विज्ञापन समझौते में Google यथास्थिति बनाए रखे

    दिल्ली हाइकोर्ट ने गूगल इंडिया (Google India) को अपने प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित विज्ञापनों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। कोर्ट उक्त निर्देश यह देखते हुए दिया कि विज्ञापन समझौते में किसी पक्ष का मुख्य राजस्व विज्ञापन राजस्व से आता है और विज्ञापनों को सामूहिक रूप से अवरुद्ध करने से उस पक्ष को अपूरणीय क्षति होगी।

    जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की पीठ ने यह भी दोहराया कि धारा 9 याचिका भारत के बाहर मध्यस्थता की सीट के साथ मध्यस्थता में बनाए रखने योग्य होगी।

    मामला

    स्टार्टअपवाला प्राइवेट लिमिटेड (याचिकाकर्ता) ने गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया। लिमिटेड (प्रतिवादी) को 2020 से अपनी डिजिटल विज्ञापन सेवाओं का उपयोग करने के लिए अनुबंधित किया।

    यह समझौता प्रतिवादी के विज्ञापन कार्यक्रम की शर्तों के अधीन है, जिसमें इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध नीतियां शामिल हैं। इसमें मध्यस्थता भी शामिल है, जिसकी मध्यस्थता की सीट संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में है।

    अगस्त, 2023 से प्रतिवादी ने 'सरकारी दस्तावेज़ और आधिकारिक सेवाएं' नामक नीति का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता के कुछ विज्ञापनों को अस्वीकार करना शुरू कर दिया।

    कॉर्पोरेट और प्रबंधन परामर्श सेवाओं में लगे याचिकाकर्ता राजस्व के लिए इन विज्ञापनों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। अगस्त 2023 और फरवरी 2024 के बीच कई संचारों के बावजूद, प्रतिवादी की प्रतिक्रियाएं स्वचालित हैं और अस्वीकृति के लिए विशिष्ट कारण नहीं बताए गए। इससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने मध्यस्थता खंड का हवाला दिया और ए एंड सी अधिनियम की धारा 9 के तहत अंतरिम राहत की मांग करने के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    पक्षकारों द्वारा प्रस्तुतियां

    याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित प्रस्तुतियां कीं:

    1. विज्ञापन उनके राजस्व के लिए महत्वपूर्ण हैं और Google की कार्रवाइयों से महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान हो रहा है।

    2. याचिकाकर्ता अगस्त 2023 से फरवरी 2024 तक प्रतिवादी के साथ लगातार बातचीत करता रहा, लेकिन जवाब असंतोषजनक है।

    याचिका की स्थिरता के लिए प्रतिवादी की निम्नलिखित आपत्तियां:

    1. मध्यस्थता की सीट अमेरिका में है, इसलिए याचिका स्थिरता योग्य नहीं है।

    न्यायालय द्वारा विश्लेषण:Justice Prathiba M SinghGoogle IndiaAdvertisementSeat of Arbitration

    न्यायालय ने मध्यस्थता खंड पर विचार किया, जिसमें अमेरिकी मध्यस्थता संघ के अंतर्राष्ट्रीय विवाद समाधान केंद्र के तहत सांता क्लारा काउंटी, कैलिफोर्निया,USA में मध्यस्थता निर्धारित की गई।

    न्यायालय ने यह देखते हुए तर्क को खारिज कर दिया कि धारा 9 याचिका विदेशी सीट के साथ मध्यस्थता में भी स्थिरता योग्य है।

    न्यायालय ने देखा कि याचिकाकर्ता के विज्ञापन को अवरुद्ध करने की प्रतिवादी की कार्रवाइयों के कारण याचिकाकर्ता अपने राजस्व से वंचित है, जिस पर वह काफी हद तक निर्भर करता है।

    याचिकाकर्ता को हुई अपूरणीय क्षति को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने प्रतिवादी को अगली सुनवाई तक 'पात्र (सीमित)' के रूप में लेबल किए गए वर्तमान में अनब्लॉक किए गए विज्ञापनों पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।

    केस टाइटल- स्टार्टअपवाला प्राइवेट लिमिटेड बनाम गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड OMP(I)(COMM) 96 of 2024

    Next Story